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एर्दोगन की बादशाहत कायम! 53 फीसदी वोट के साथ जीता Turkey का राष्ट्रपति चुनाव

तुर्की (Turkey) के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन

तुर्की (Turkey) के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन एक बार फिर राष्ट्रपति चुन लिए गए हैं। उन्होंने लगातार 11वीं बार चुनाव जीता है। अनादोलु राज्य समाचार एजेंसी ने बताया कि चुनाव में एर्दोगन ने 52.3 प्रतिशत वोट हासिल किए, जबकि केमल किलिकडारोग्लू के 47.7 प्रतिशत वोट मिले। एर्दोगन लंबे समय से तुर्की की सत्ता पर काबिज रहे, लेकिन इस बार उन्हें विपक्षी नेता कमाल केलिकदारोग्लू से कड़ी टक्कर मिली।

इसी के साथ तुर्की (Turkey) की सत्ता में एक बार फिर एर्दोगन की वापसी हो चुकी है। इससे पहले हुए चुनाव में एर्दोगन और केलिचडारोहलू में से किसी को बहुमत नहीं मिल सका था। तुर्किये में राष्ट्रपति बनने के लिए चुनाव में कम से कम 50 फीसदी मत पाना जरूरी होता है। पिछले चुनाव मे एर्दोगन को 49.5 फीसदी मत मिले थे। ऐसे में उनकी जीत की प्रबल संभावना जताई जा रही थी।

तुर्किये चुनाव परिणाम का व्यापक होगा असर

चुनाव परिणाम का असर अंकारा से बाहर भी दिखेगा, क्योंकि तुर्किये यूरोप और एशिया के बीच स्थित है और यह उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) का सदस्य है। इस बार के चुनावी नतीजे तय करेंगे कि लंबे समय से देश की सत्ता पर काबिज राष्ट्रपति एर्दोगन का निरंकुश शासन जारी रहेगा या फिर अधिक लोकतांत्रिक समाज बहाल करने का वादा करने वाले उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी कमाल सत्ता पर काबिज होंगे। देश में 14 मई को हुए पहले दौर के चुनाव में किसी भी उम्मीदवार को सरकार गठन के लिए जरूरी बहुमत नहीं मिल पाया था।

एर्दोगन ने चुनाव से पहले किए थे ये वादे

एर्दोगन ने इस बार प्रेसिडेंट पद के चुनाव के लिए जनता से कई बड़े वादे किए हैं, जिन्हें पूरा करने का उन पर दारोमदार रहेगा। उन्होंने जो बड़े वादे किए उनमें भूकंप से प्रभावित इलाकों में 6.50 लाख घर बनाना शामिल हैं। गौरतलब है कि तुर्की में कुछ माह पहले खतरनाक भूकंप आया था जिनमें 50 हजार से ज्यादा लोगों की जान गई थी। सीरियाई शरणार्थियों को घर भेजना और सीरियाई राष्ट्रपति से समझौता करना भी उनके वादों में शमिल है।

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