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China के भयानक मंसूबे! बढ़ाने लगा खतरनाक हथियारों का जखीरा तो US के भी छूटे पसीने

मिसाइलों बढ़ाने में लगा है चीन

US China War: दूसरे देशों को हड़पने की ड्रैगन की भूख इन दिनों बढ़ती ही जा रही है। ताइवान पर पूरी तरह से अपने कब्जे में लेने के लिए चीन अपने सैनिकों को किसी भी वक्त हमले के लिए तैयार रहने के लिए कहा है। दोनों देशों के बीच अब ये तनाव बहुत गहराता जा रहा है। अब चीन के पास मौजूद बैलेस्टिक और क्रूज मिसाइलों को अमेरिकी इंटेलीजेंस एजेंसियों ने सबसे ज्‍यादा सक्रिय और विविध करार दिया है। दरअसल अमेरिका का मानना है कि चीन के पास दुनिया की सबसे ताकतवर मिसाइलों का जखीरा है उसके पास क्रूज मिसाइल से लेकर परमाणु हथियार लेकर जाने वाली इंटरकॉन्टिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल (ICBM) तक मौजूद है।

इतनी मिसाइलों का टेस्‍ट

चीन ने साल 2021 में 135 बैलेस्टिक मिसाइलों को लॉन्‍च किया है। इन्‍हें टेस्टिंग या फिर ट्रेनिंग मकसद से लॉन्‍च किया गया। अमेरिका की तरफ से बताया गया है कि 135 बैलेस्टिक मिसाइलों की लॉन्चिंग दुनिया में बाकी मिसाइलों की तुलना में कहीं ज्‍यादा है। अगर बैलेस्टिक मिसाइलों को हटा दिया जाए तो इतनी मिसाइलें तो युद्ध के मैदान में तैनात हैं। साल 2022 में हालां‍कि इनकी संख्‍या कम है। ऐसा पहली बार है जब अमेरिका को रूस और चीन के तौर पर परमाणु ताकत से लैस दो प्रतिद्वंदियों का सामना करना पड़ रहा है।

परमाणु क्षमता वाली मिसाइलें

पेंटागन के मुताबिक मॉर्डनाइजेशन के पूर्व में किए गए सभी प्रयासों को आगे बढ़ाया गया है। साथ ही जमीन, समु्द्र और हवा में एक परमाणु घेरा बना लिया गया है। यूके स्थित इंटरनेशनल इंस्‍टीट्यूट ऑफ स्‍ट्रैटेजिक स्‍टडीज (IISS) के मुताबिक चीन वह सबकुछ कर रहा है जो दशकों बाद उसके परमाणु नीति की तरफ झुकने का इशारा करता है। चीनी राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग का मानना है कि परमाणु हथियार देश की प्रतिष्‍ठा को बढ़ाने के लिए जरूरी होती है।

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लक्ष्‍य 2035 तक का

चीन के पास फिलहाल 400 से ज्‍यादा परमाणु हथियार हैं जो कि दुनिया के लिए एक बड़ी चुनौती हैं। साल 2035 तक चीन का मकसद रॉकेट फोर्स का आधुनिकीकरण करना है। माना जा रहा है कि तब तक 1500 परमाणु हथियार चीन के पास हो जाएंगे। साल 2017 से चीन और अमेरिका वके बीच रिश्‍ते तनावपूर्ण बने हुए हैं। यूके के थिंक टैंक का कहना है कि चीनी नेताओं ने इस बात की धारणा बना ली है कि आने वाले समय में अमेरिका के साथ कोई संघर्ष हो सकता है। ऐसे में वह परमाणु हथियारों को ही लड़ाई का बड़ा जरिया मानने लगे हैं। चीन की रॉकेट फोर्स के शॉर्ट रेंज वाली बैलेस्टिक मिसाइल 725-850 किलोमीटर की रेंज वाली डीएफ-15 से लेकर 700 किलोमीटर की रेंज वाली डीएफ-16 तक शामिल हैं।

एक अनुमान के मुताबिक चीन के पास मीडियम रेंज और इंटरमीडियट रेंज की 900 मिसाइलें शामिल हैं। इसके अलावा CJ-10 जमीन से लॉन्‍च हो सकने वाली क्रूल मिसाइल भी इसके जखीरे का हिस्‍सा है जिसकी रेंज 1500 किलोमीटर है। इसके अलावा 2000 किलोमीटर रेंज वाली डीएफ-100 भी शामिल हैं। डीएफ-17 को सबसे पहले साल 2020 में तैनात किया गया था।