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PM Modi के पास भागते हुए आया अमेरिका, Joe Biden बोले- साथ मिलकर करेंगे काम

US New US National Security Strategy Work With India on China

US National Security Strategy: पिछले कुछ समय से भारत को अमेरिका (America-India) चिढ़ाने का काम कर रहा है। अमेरिका चाहता है कि भारत खुलकर रूस के खिलाफ आए। लेकिन, रूस और भारत की गहरी दोस्ती और जब भी जरूरत पड़ी है दोनों देश एक दूसरे के साथ खड़े रहे हैं। ऐसे में भारत न तो रूस समर्थन में है और न ही खिलाफ। यह देख अमेरिका भारत में आतंक फैलाने वाले पाकिस्तान के साथ रिश्ता मजबूत करने पहुंच गया। उसके लड़ाकू विमान F-16 के कल पुर्जे ठीक करने के लिए आर्थिक मदद कर रहा है तो देश की अर्थव्यवस्था को भी संभलाने के लिए आर्थिक रूप से मदद कर रहा है। लेकिन, इसके बाद भी जो बाइडन को नई पता था कि अमेरिका को भारत की ऐसी जरूरत पड़ेगी कि उन्हें भागे-भागे पीएम मोदी Joe Biden and PM Modi) के पास आना होगा। चीन को काबू में करने के लिए अमेरिका को भारत की सबसे ज्यादा जरूरत है। यही वजह है कि, अमेरिका ने नई राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति (US National Security Strategy) जारी की है। जिसके तहत वो भारत के साथ मिलकर काम करेगा। हालांकि, इसमें चीन के साथ ही रूस (China and Russia) को भी अमेरिका के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया गया है। जो बाइडन की राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति (US National Security Strategy) में बताया गया है कि, अमेरिका और भारत मुक्त और खुले हिंद-प्रशांत के अपने साझा दृष्टिकोण का समर्थन करने के लिए द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय दोनों व्यवस्थाओं में मिलकर काम करेंगे।

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भारत के साथ मिलकर करेंगे काम- अमेरिका
इसमें अमेरिका ने साफ तौर पर कहा है कि, वह नया शीत युद्ध नहीं चाहता है और ऐसी स्थिति से बचना चाहता है, जिसमें दुनिया दो ध्रुवों में बंट जाए। अमेरिका ने यह भी कहा है कि वह परमाणु युद्ध के जोखिम को कम करना चाहता है लेकिन अपने शस्त्रागार का आधुनिकीकरण करना जारी रखेगा। वॉशिंगटन में सार्वजनिक की गई अमेरिका की नई राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति में कहा गया है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र और एक प्रमुख रक्षा भागीदार है, ऐसे में मुक्त और खुले हिंद-प्रशांत के अपने साझा दृष्टिकोण का समर्थन करने के लिए अमेरिका और भारत द्विपक्षीय और बहुपक्षीय रूप से मिलकर काम करेंगे। रणनीति में हिंद-प्रशांत संधि सहयोगियों- ऑस्ट्रेलिया, जापान, दक्षिण कोरिया, फिलीपीन और थाईलैंड के लिए अमेरिका की दृढ़ प्रतिबद्धताओं की पुष्टि की गई है।

अमेरिका ने कहा वो गठबंधन देशों का करता रहेगा आधुनिकीकरण
इसके साथ ही दस्तावेज में यह भी कहा गया है कि, हम इन गठबंधनों का आधुनिकीकरण करते रहेंगे। हम अपनी पारस्परिक सुरक्षा संधि के तहत जापान की रक्षा के लिए अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं, इसमें जिसमें सेनकाकू द्वीप शामिल हैं। अमेरिका, भारत सहित विश्व की कई अन्य शक्तियां चीन की बढ़ती सैन्य आक्रामता की पृष्ठभूमि में मुक्त, खुले और संपन्न हिंद-प्रशांत क्षेत्र की आवश्यकता पर जोर देती रही हैं। चीन विवादित दक्षिण चीन सागर के लगभग सम्पूर्ण क्षेत्र पर अपना दावा करता है हालांकि ताइवान, फिलीपीन, ब्रूनेई, मलेशिया, वियतनाम भी इसके हिस्सों पर दावा करते है। चीन ने दक्षिण चीन सागर में कृत्रिम द्वीप बनाए हैं और सैन्य प्रतिष्ठान स्थापित किए हैं।

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परमाणु युद्ध के जोखिमों को देखते हुए नई स्ट्रैटजी
परमाणु युद्ध के खतरे को देखते हुए इस दस्तावेज में अमेरिका ने कहा है कि, परमाणु युद्ध के जोखिमों को कम करने के लिए समान रूप से प्रतिबद्ध हैं। इसमें हमारी रणनीति में परमाणु हथियारों की भूमिका को कम करने के लिए और कदम उठाने और पारस्परिक, सत्यापन योग्य हथियार नियंत्रण के लिए यथार्थवादी लक्ष्यों का पीछा करना शामिल है। यह हमारी निवारक रणनीति में योगदान करते हैं और वैश्विक विस्तावादी रवैये पर रोक लगाता है। साथ ही इसमें ये भी दावा किया गया है कि, US ने तनाव को कम करने, नए संघर्षों के जोखिम को कम करने, और कुटनीति का उपयोग करते हुए, भागीदारी को मजबूत करने के लिए साझेदारी, गठबंधन और गठबंधन बनाने में अमेरिका के अद्वितीय तुलनात्मक लाभ के आधार पर क्षेत्र में अमेरिकी नीति के लिए एक नया ढांचा तैयार किया है।