यूक्रेन पर हमले से पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन चीन के बुलावे पर बीजिंग ओलंपिक में भाग लेने पहुंचे थे। युक्रेन जंग के बारे चीन को पहले से ही जानकारी थी कि रूस कब हमला करेगा। लेकिन, चीन दुनिया के सामने इसलिए मुह नहीं खोल सका क्योंकि, पुतिन ने कहा था कि अगर वह मुह खोला तो इसके बदले गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। इसके साथ ही रूस ने चीन से सैन्य उपरण भी मांगे थे।
अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से फाइनेंशिल टाइम्स और वाशिंगटन पोस्ट ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि, अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवान ने दावा किया है कि चीन की सरकार को व्लादिमीर पुतिन के यूक्रेन पर हमला करने की योजना के बारे में पता था। रूस की ओर से इस मामले में चीन को धमकी भी दी गई थी। सुलिवान ने कहा कि बीजिंग को 'गंभीर परिणाम' भुगतने की धमकी दी गई थी। सुलिवान ने ये बात ऐसे वक्त पर कही है, जब वह सोमवार को रोम में चीन के शीर्ष राजनयिक यांग जिएची से मुलाकात करने वाले हैं। इस मुलाकात में यूक्रेन युद्ध के साथ-साथ दुनिया के दो सुपरपावर देशों के बीच जारी आर्थिक प्रतियोगिता पर बात होगी। सुलिवान ने कहा है, हम मानते हैं कि आक्रमण होने से पहले चीन वास्तव में जानता था कि पुतिन कुछ योजना बना रहे हैं।
अमेरिकी एनएस सुलिवान ने चेतावनी दी कि अमेरिका इसपर करीबी से नजर बनाए हुए है कि क्या चीन वास्तव में रूस को किसी भी प्रकार का समर्थन, भौतिक समर्थन या आर्थिक सहायता प्रदान करता है। हम इसी बात से चिंतित हैं और बीजिंग से कहा है कि हम किसी ऐसे देश के साथ खड़े नहीं होंगे। जेक सुलिवान ने कहा, हम बीजिंग से सीधे और निजी स्तर पर बातचीत कर रहे हैं। रूस का साथ देने पर बड़े स्तर पर प्रतिबंध झेलने पड़ सकते हैं। रूस ने यूक्रेन पर किए अपने हमले को स्पेशल ऑपरेशन बताया है। इस मामले में चीन वैसे तो रूस का समर्थन कर रहा है लेकिन वो सीधे और साफतौर पर इस मामले में कुछ भी बोलने से बच रहा है। क्योंकि अगर वो ऐसा करता है, तो उसे पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है।