चीन वो देश है जिससे लगभग पूरी दुनिया परेशान है। जो देश उससे सीमा साझा करते हैं वो भी परेशान हैं और जो नहीं करते ड्रैगन उनकी भी नाकों में दम कर रखा है। अमेरिका लगातार चीन को चेतावनी दे रहा है कि, वो छोटे देशों को अपनी जाल में फंसाना बंद करे। ताइवान पर चीन कब्जा करने के लिए पूरी तैयारी में बैठा जिसे लेकर अमेरिका ने कहा है कि, अगर उसने एक भी गलत कदम उठाया तो इसका अंजाम भयानक होगा। वहीं, अमेरिका अब जो करने जा रहा है उससे ड्रैगन को करारी मिर्ची लगने वाली है।
दरअसल, तिब्बत मामलों के लिए अमेरिका की विशेष समन्वयक उजरा जेया बुधवार को उच्च स्तरीय दौरे पर धर्मशाला पहुंची। यह यात्रा तिब्बती मुद्दे के लिए वाशिंगटन के महत्वपूर्ण समर्थन का प्रतीक है। बाइडेन प्रशासन के किसी उच्च अधिकारी की इस तरह की यह पहली यात्रा है। उजरा जेया का तिब्बतियों ने गर्मजोशी से स्वागत किया। वो यहां दो दिन रहेंगे और इस दौरान वो निर्वासित समुदाय के कार्यकर्ताओं और नेताओं से मुलाकात करेंगी। वह गुरुवार सुबह दलाई लामा से भी मुलाकात करेंगी। यह महत्वपूर्ण यात्रा केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के राष्ट्रपति पेन्पा त्सेरिंग की पिछले महीने वाशिंगटन यात्रा के तुरंत बाद हो रही है। अपनी यात्रा के दौरान, त्सेरिंग ने हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी के साथ अमेरिकी विशेष दूत से भी मुलाकात की।
मंगलवार को जेया ने पारस्परिक हित के क्षेत्रीय मुद्दों पर विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा के साथ महत्वपूर्ण चर्चा की। विदेश मंत्रालय (ईएएम) के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट कर लिखा, विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने पारस्परिक हित के क्षेत्रीय मुद्दों पर अमेरिकी विदेश मंत्री उजरा जेया के साथ एक आकर्षक चर्चा की। बदा दें कि, जेया 17-22 मई तक अपने भारत और नेपाल दौरे पर हैं। उन्हें पिछले साल दिसंबर में तिब्बती मुद्दों के विशेष समन्वयक के रूप में नियुक्त किया गया था।