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खत्म हो चुकी है चीन की इंसानियत- अब तो Uyghurs बच्चों को मार रहा भूखा

Uyghurs Muslims in China

उइगर मुसलमानों (Uyghurs Muslims in China) पर प्रताड़ना की बात को चीन हमेशा नकारता रहता है लेकिन, हकीकत यह है कि इनकी जिंदगी ड्रैगन ने नर्क से भी बदतर बना दी है। इनके अंगों की तस्करी तक चीन करता है। यहां तक कि उइगर मुसलमानों (Uyghurs Muslims in China) की जबरन नसबंदी भी की जाती है। शिनजियांग प्रांत में रहने वाले उइगर मुसलमानों पर संयुक्त राष्ट्र ने एक रिपोर्ट जारी कर खुलासा करते हुए कहा था कि, चीन अपने देश में रहने वाले उइगरों पर अत्याचार करता है। यह मानवाधिकारों का उल्लंघन है। इन्हें डिटेंशन सेंटर में कैद करके प्रताड़ित किया जाता है। यातनाएं दी जाती हैं। उनकी नसबंदी कराई जाती है। उइगर मुसलमानों (Uyghurs Muslims in China) पर चीन अत्याचारों की सारी सरहदें लांघ चुका है। बेरहम चीन अब तो बच्चों तक को नहीं छोड़ रहा है। चीन के चलते उइगर मुस्लिमों के बच्चे भूखे मर रहे हैं।

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मीडिया में आ रही खबरों में कहा जा रहा है कि, शिनजियांग निवासियों के सामने खाने-पीने और दवाओं की भारी संकट खड़ा हो गया है। इस नई आफत की वजह चीन की जीरो कोविड नीति बताया जा रहा है। चीन के जीरो कोविड नीती के चलते पिछले काफी समय से चीनी नागरिक परेशान हैं। कुछ समय पर चीन ने जब लॉकडाउन लगाया था तो लोग अपने ही घरों में एक कैदी की तरह कैद हो गये थे। चीन आम लोगों को जरूरी सामानों की आपूर्ति कराने में नाकाम रहा। अब शिजियांग के लोग भी इससे परेशान है, जिसके बाद इसके खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं, इस्तांबुल में समूहों ने चीनी कॉन्सुलेट के बाहर जमकर प्रदर्शन किया।

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबकि, चीन की जीरो-कोविड नीति के नाम पर उइगर और अन्य मुसलमानों को उनके घरों में बंद कर दिया गया है। पहले ही धर्म और संस्कृति के नाम पर ये समूह हिरासत में लिए जाने का सामना कर रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों ने बताया है कि हाल के दिनों में कई उइगर पाबंदियों के चलते अपने घरों में भूख और बीमारी से मृत पाए गए हैं। इन इलाकों में रहने वाले लोगों को जबरन कैद किया जा रहा है। साथ ही दर्द और भूख सहन नहीं कर पाने के कारण कई लोगों की आत्महत्या की खबरें भी सामने आई हैं।

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बीजिंग के भूख से नरसंहार के खिलाफ इस्तांबुल के सेरियर डिस्ट्रिक्ट में जमकर प्रदर्शन हुआ। चीनी कॉन्सुलेट के बाहर करीब 3000 से 3500 प्रदर्शनकारी जुट गए थे। इसमें महालिएं और बच्चे भी शामिल हुए। रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों का कहना है कि कुछ बच्चे भूखे हैं और कुछ की भूख या बुखार के चलते मौत हो गई, लेकिन उन्हें खाना या दवा नसीब नहीं हुई। उइगर समूह का आरोप है कि, CPC उनका सफाया करने के लिए जीरो-कोविड पॉलिसी का इस्तेमाल कर रही है। चीन दुनिया के सामने उइगर मुसलमानों पर अत्याचार को लेकर नकारता रहा है लेकिन, असल वो उनकी जिंदगी नर्क से भी बदतर बना चुका है।