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Nuclear Drill करने वाले NATO की हवा टाइट, रूस ने तैनात कर दिए बॉम्बर्स

Putin Deployed 11 Nuclear Bombers On The Nato Border

Nuclear Bombers On Nato Border: रूस को कमजोर करने के लिए पश्चिमी देशों (Russia vs NATO) ने अपना पूरा जोर लगा लिया। जमकर दुनिया के सामने झूठी खबरें फैलाई ताकि मनोवैज्ञानिक रूप से भी रूस को कमजोर किया जा सके। हालांकि, जंग में हर किसी को नुकसान होता है। यहां पर रूस को भी नुकसान हुआ है लेकिन, उससे कहीं ज्यादा यूक्रेन और पश्चिमी देशों को इसका सामना करना पड़ा है। अब ये जंग परमाणु हमले (Nuclear Attack) की ओर बढ़ रहा है। दुनिया में सबसे ज्यादा परमाणु हथियार रूस (Russia Nuclear Weapons) के पास है। अमेरिका का भी मानना है कि, पुतिन अगर कुछ बोल रहे हैं तो उसे गंभीरता से लेनी चाहिए क्योंकि, वो मजाक नहीं करते। पुतिन ने कुछ ही दिनों पहले परमाणु हमले की धमकी दी थी। अब रूस ने नाटो से सटे सीमा (Nuclear Bombers On Nato Border) से कुछ ही दूरी पर परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम ग्यारह बमवर्षक विमान तैनात कर दिये हैं। अमेरिकी सैटेलाइट ऑपरेटर प्लैनेट लैब्स ने नॉर्वे के साथ सीमा (Nuclear Bombers On Nato Border) से 20 मील से भी कम दूरी पर रूसी टीयू-160 और टीयू-95 स्ट्रैटजिक बॉम्बर्स की मौजूदगी का पता लगाया है। रूस ने अगर परमाणु हमला किया तो न सिर्फ यूक्रेन बल्कि यूरोप में भी भारी तबाही आ जाएगी।

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सैटेलाइट तस्वीर ने यूक्रेन-यूरोप की उड़ाई नींद
अमेरिकी सैटेलाइट ऑपरेटर प्लैनेट लैब्स ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि, 7 अक्टूबर को ली गई एक सैटेलाइट तस्वीर में कोल्स्की प्रायद्वीप पर रूसी एयरबेस ओलेन्या पर सात टीयू-160 रणनीतिक बमवर्षक और चार टीयू-95 विमान दिखाई दे रहे हैं। इसके दो दिन बाद ली गई एक दूसरी तस्वीर में टीयू-160 बमवर्षकों में से एक को रनवे पर उड़ान भरने के लिए तैयार दिखाया गया है। टीयू-160 रूस का अब तक का सबसे बड़ा और सबसे भारी बमवर्षक विमान है। यह बमवर्षक विमान 2 मैक की गति से बिना ईंधन भरे 7500 मील की नॉन-स्टॉप उड़ान भरने में सक्षम है। यह स्ट्रैटजिक बॉम्बर 12 छोटी दूरी की परमाणु मिसाइलों को ले जा सकता है। टीयू-95 स्ट्रैटजिक बॉम्बर भी क्रूज मिसाइलों और परमाणु बमों से हमला करने में सक्षम हैं।

यूक्रेन की बढ़ती जा रही टेंशन
उधर इसी महीने की शुरुआत में फिनलैंड की सीमा के पास एक एयरबेस पर भी रूसी बमवर्षकों की उपस्थिति का पता चला था। इसका पता इजरायल की खुफिया फर्म इमेजसैट इंटरनेशनल ने लगाया था। जेरूसलम पोस्ट ने सैटेलाइट तस्वीरें के आधार पर बताया था कि रूसी एयर बेस पर 21 अगस्त को चार टीयू-160 को और तीन टीयू-95 को 25 सितंबर को देखा गया था। यूक्रेन के पास मौजूद एंगेल्स एयरबेस रूस के एकमात्र स्ट्रैटजिक बॉम्बर्स का ठिकाना है। रूसी वायु सेना यहां से 121वीं हेवी बॉम्बर एविएशन रेजिमेंट को ऑपरेट करती है। इसी रेजिमेंट के पास टीयू-160 और टीयू-95 को उड़ाने की जिम्मेदारी है। रूसी वायु सेना इसी बेस से अपने परमाणु बॉम्बर्स को पूरे देश में संचालित करती है। रूस जितना परमाणु हथियारों की तैनाती करते जा रहा है उतना ही यूक्रेन का टेंशन बढ़ते जा रहा है। यूक्रेन सिर्फ पश्चिमी देशों के नाम पर ये जंग लड़ रहा है।

यूक्रेन ने उठाया ये कदम तो शुरू हो जाएगा तीसरा विश्व युद्ध
ये जंग यूक्रेन के नाटो रट के चलते हुआ और अब अगर तीसरा विश्व युद्ध हुआ तो इसकी भी देन यूक्रेन और नाटो ही होंगे। क्योंकि, यूक्रेन ने औपचारिक रूप से नाटो में शामिल होने के लिए आवेदन किया है, जिसपर पुतिन ने साफतौर पर कहा है कि, नाटो ने अगर उसे शामिल किया तो फिर तीसरा विश्व युद्ध शुरू हो जाएगा। रूस की सुरक्षा परिषद के उप सचिव अलेक्जेंडर वेनेडिक्टोव ने कहा कि कीव अच्छी तरह से जानता है कि इस तरह के कदम का मतलब तीसरे विश्व युद्ध की गारंटी होगी। इस तरह के कदम की आत्मघाती प्रकृति को नाटो के सदस्य खुद समझते हैं। वेनेडिक्टोव ने दावा किया कि यूक्रेन को नाटो में शामिल करना बस एक दिखावा था। इससे नाटो को रूस के खिलाफ माहौल बनाने में मदद मिली, लेकिन नुकसान यूक्रेन को उठाना पड़ा। इधर पुतिन अरबति एलन मस्क को भी चेतावनी दे चुके हैं कि, अगर यूक्रेन ने क्रूमिया को फिर से लेने की कोशिश की तो वह परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करेंगे।

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खतरनाक है रूस का ये बॉम्बर
– टुपोलेव टीयू-160 की टॉप स्पीड 2220 किलोमीटर प्रति घंटा है।
– यह विमान 110000 किलोग्राम के कुल वजन के साथ उड़ान भरने में सक्षम है।
– इसके पंखों का फैलाव 56 मीटर है।
– टीयू-160 की पहली उड़ान 16 दिसंबर 1981 में आयोजित की गई थी।
– रूसी सेना में इस समय 17 टीयू-160 स्ट्रैटजिक बॉम्बर मौजूद हैं, जिन्हें अपग्रेड किया जा रहा है।
– हैरानी की बात यह है कि रूस ने साल 1995 में इस बॉम्बर को एक्टिव सर्विस से हटा दिया था।
– लेकिन 2021 में फिर इस बॉम्बर को कई अपग्रेडेशन के बाद रूसी वायु सेना की एक्टिव ड्यूटी में शामिल किया गया।