चीन दुनिया की नाक में दम नहीं कर रखा है बल्कि, अपने भी नागरिकों का जीना हराम कर रखा है। चीन सरकार कई ऐसे नियम बनाई है जिसके खिलाफ जाने पर सख्त कार्रवाई की जाती है। यहां तक कि अगर किसी नागरिक ने सेना या सरकार के खिलाफ बोला तो उसे जेल हो सकती है। सोशल मीडिया पर सेना के खिलाफ और सरकार के खिलाफ बोलने पर लोगों को जेल में डाल दिया जाता है। अब चीन के नागरिक खौफ में हैं क्योंकि, बच्चों को मां-बाप से दूर किया जा रहा है।
चीन में इस वक्त कोरोना महामारी के चलते हाहाकार मचा हुआ है और शंघाई में तो हालात बेकाबू हो गए हैं। लाख कोशिशों के बाद भी चीन सरकार यहां कोरोना को काबू करने में नाकामयाब रही। ऐसे में चीनी सरकार ने कोरोना रोकने के लिए दोहरी पाबंदियां लागू कर दी है। ये पाबंदियां मानवता को झकझोर करने वाली हैं। मीडिया रिपोर्टों की माने तो, दावा किया गया है कि, कोरोना के चलते बच्चों को मां-बाप से अलग करके क्वारंटाइन सेंटर में रखा जा रहा है। चीनी सरकार की कठोर पाबंदियों से चीनी नागरिक खौफ में हैं।
चीनी सरकार ने कोरोना महामारी की नई लहर में ऐसे कदम उठाने शुरू कर दिए हैं कि आम लोग खौफ में हैं। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो नए आदेश के मुताबिक, बच्चों को मां-बाप से अलग किया जा रहा है। मां-बाप को अपने बच्चों की लोकेशन तक नहीं दी जा रही है। ताजा घटनाक्रम के मुताबिक कई लोग अपने बच्चों की खबर जानने के लिए प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं लेकिन फिर भी उन्हें बच्चों के बारे में जानकारी नहीं दी जा रही है।
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की माने तो, शहर की एक महिला एस्थर झाओ अपनी ढाई साल की बेटी को बुखार के बाद अस्पताल लेकर गई थी। घटना 26मार्च की बताई जा रही है। जांच में पता लगा कि उसे कोरोना है। तीन दिन बाद उसकी मां भी कोरोना संक्रमित हो गई। ऐसे में अस्पताल प्रशासन ने दोनों (मां और बेटी) को अलग-अलग क्वारंटाइन सेंटर में भेज दिया। मीडिया रिपोर्टों में बताया गया कि, मां चीखती रही चिल्लाती रही लेकिन प्रशासन ने एक न सुनी और बेटी को मां से अलग कर दिया।
यह भी आरोप है कि डॉक्टरों ने उसे धमकी दी कि अगर वो बेटी को बच्चों के लिए बने क्वारंटीन सेंटर नहीं भेजेंगी तो उसे अस्पताल में ही छोड़ दिया जाएगा। डॉक्टरों ने मां-बाप को मोबाइल पर मैसेज से सिर्फ इतना बताया कि उनकी बच्ची ठीक है लेकिन कहां रखा गया है ये नहीं बताया।