China Saudi Arabia Deal: वक्त की नजाकत को भांपने में चीन आजकल नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। वहीं अमेरिका (America) को एक के बाद एक तगड़े झटके देने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। इस बीच अब चीन अमेरिका की जगह लेता दिख रहा है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग सऊदी अरब के दौरे पर पहुंचे हैं। शी तेल संपन्न खाड़ी देशों के साथ बैठक में शामिल होने के लिए बुधवार को सऊदी अरब पहुंचे। वैसे अरब देश चीन की ऊर्जा आपूर्ति के लिहाज से अहम हैं। बीजिंग कोविड-19 संबंधी सख्त पाबंदियों के कारण सुस्त पड़ी अपनी अर्थव्यस्था में तेजी लाने का प्रयास कर रहा है।
सऊदी अरब की सरकारी न्यूज एजेंसी एसपीए ने बताया कि 6 साल में पहली बार सऊदी अरब की यात्रा पर पहुंच रहे शी जिनपिंग किंग सलमान और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात करेंगे। शी जिनपिंग रियाद में चीन-अरब शिखर सम्मेलन और चीन-गल्फ कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेंगे जहां इन देशों के नेता पहुंच रहे हैं। जिनपिंग की इस यात्रा को बाइडन की पिछले दिनों हुई यात्रा से जोड़कर देखा जा रहा है। बाइडन ने अपनी यात्रा के दौरान खाड़ी के सहयोगी देशों को सुरक्षा, निवेश और अर्थव्यवस्था में अमेरिकी सहयोग की प्रतिबद्धता को दोहराया था।
इसके अलावा शी के आगमन पर सऊदी अरब की राजधानी रियाद में बुधवार को सऊदी और चीनी ध्वज फहराये गए। चीनी राष्ट्रपति ने हवाई अड्डे पर अपने सरकारी विमान से उतरकर सऊदी अधिकारियों से हाथ मिलाया। यूक्रेन पर रूस का हमला और मॉस्को के खिलाफ पश्चिमी देशों के कड़े रुख के कारण अरब देश, चीन से संबंध मजबूत करना चाहते हैं। इस यात्रा के दौरान शी के चीन-अरब देश शिखर सम्मेलन और गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल में शिरकत करने की संभावना है, जिसमें सऊदी अरब के अलावा बहरीन, कुवैत, ओमान, कतर और संयुक्त अरब अमीरात शामिल होंगे।
सुरक्षा के मुद्दे को जिनपिंग की यात्रा के दौरान प्राथमिकता
सऊदी एजेंसी ने गुरुवार को कहा कि किंग सलमान ने शी जिनपिंग को चीन और सऊदी अरब के बीच ऐतिहासिक रिश्ते तथा रणनीतिक भागीदारी को मजबूत करने के लिए आमंत्रित किया है। बयान में कहा गया है कि चीन-अरब शिखर बैठक में सभी क्षेत्रों में संयुक्त रिश्ते को बढ़ाया जाएगा और आर्थिक तथा विकास से जुड़े सहयोग पर चर्चा की जाएगी। वहीं सऊदी अरब के विदेश राज्य मंत्री अदेल अल जुबैर ने कहा कि व्यापार और क्षेत्रीय सुरक्षा के मुद्दे को शी जिनपिंग की यात्रा के दौरान शीर्ष प्राथमिकता दी जाएगी।
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अमेरिका को संदेश दे रहे हैं चीन-सऊदी अरब
विश्लेषकों का मानना है कि यह यात्रा अमेरिका को सीधा संदेश है। उन्होंने कहा कि सऊदी अरब और चीन दोनों ही देश भूराजनीति को महत्व दे रहे हैं। दोनों ही देश यह दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि उनके पास पश्चिमी देशों का विकल्प मौजूद है। चीन यह कह सकता है कि अमेरिका हमें दबाने की कोशिश कर रहा है लेकिन हमारे साथ अन्य शक्तिशाली शक्तियां हैं। वहीं सऊदी अरब भी कह सकता है कि हमारे पास विकल्प हैं और हम आप पर निर्भर नहीं हैं।