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आखिर भारत आने से क्यों डर रहे हैं Xi Jinping! दोनों देशों के बीच बढ़ चुकी है खाई? साफ है संकेत

जिनपिंग ने जी-20 सम्मेलन से किया किनारा

भारत में होने वाले G-20 समिट में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) शामिल नहीं हो रहे हैं। दरअसल, साल 2008 में इस ग्रुप को राष्ट्राध्यक्षों के स्तर पर अपग्रेड करने के बाद यह पहली बार है कि कोई चीनी राष्ट्रपति इसमें हिस्सा नहीं लेंगे। वैसे इस बात की खबरें पहले भी आ रही थीं कि जिनपिंग जी-20 में शामिल नहीं होंगे। सोमवार को चीन ने घोषणा की है कि वह अपने प्रधानमंत्री को जी-20 में शामिल होने के लिए भेजेंगे। चीन के प्रधानमंत्री का स्तर राष्ट्रपति से काफी नीचे होता है।चीनी राष्ट्रपति की गैरमौजूदगी से अब दोनों देशों के बीच संबंधों में और तनाव बढ़ सकता है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने कहा था, ‘प्रधान मंत्री ली कियांग भारत में नई दिल्ली जी-20 शिखर सम्मेलन में एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। भारत गणराज्य के निमंत्रण पर राज्य परिषद के प्रधानमंत्री 18वें जी20 शिखर सम्मेलन में 9 और 10 सितंबर को हिस्सा लेंगे।’ भारत में जी 20 से जुड़ी अपेक्षाओं पर माओ ने कहा, ‘दुनिया की अर्थव्यवस्था नीचे की ओर दबाव का अनुभव कर रही है। दुनिया के विकास के लिए चुनौती बढ़ रही है।

जिनपिंग ब्रिक्स पहुंचे थे

शी जिनपिंग की गैरमौजूदगी कई सवाल खड़े कर रही है। सबसे पहला यही कि क्या चीन जी-20 को कोई महत्व देता है या नहीं। क्योंकि इससे पहले राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 22-24 अगस्त को दक्षिण अफ्रीका में होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लिया था। लेकिन वह भारत आने से बच रहे हैं, जो दिखाता है कि चीन जी-20 को एक सीरियस ग्रुप नहीं मान रहा। G-20 हर साल आयोजित किया जाता है।

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दोनों देशों के बीच कैसे हैं रिश्ते

राष्ट्रपति शी जिनपिंग का भारत न आना दोनों देशों के बीच के तनाव को दिखाता है। गलवान हिंसा के बाद से ही दोनों देशों के बीच तनाव है, जिसमें चीन के लगभग 40 सैनिक मारे गए थे। भारत न आकर जिनपिंग एक कड़ा संदेश देना चाहते हैं कि चीन सीमावाले इलाकों में नरम नहीं पड़ने वाला। शई 2013 से सभी जी-20 सम्मेलन में हिस्सा लेते रहे हैं, तो उनका न आना कोई सामान्य बात नहीं है। वैसे अब पूरी तरह से साफ है कि दोनों देशों के बीच संबंध कुछ खास अच्छे नहीं चल रहे।