देश में रोजाना 10 लाख परीक्षण के लक्ष्य को हासिल करने के उद्देश्य से परीक्षण सुविधाओं में लगातार बढ़ोतरी की जा रही है। पिछले 24 घंटों में रिकॉर्ड 8,48,728 परीक्षण किए गए। इसके साथ ही अब तक कुल 2,76,94,416 परीक्षण संपन्न कराए जा चुके हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने ‘कोविड-19 के संदर्भ में सार्वजनिक स्वास्थ्य और सामाजिक उपायों को समायोजित करने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य मानदंड’ पर अपने मार्गदर्शन नोट में संदिग्ध मामलों के लिए व्यापक निगरानी रखने की सलाह दी है। डब्ल्यूएचओ ने सलाह दी है कि एक देश को प्रति दस लाख की आबादी पर 140 परीक्षण कराने की आवश्यकता है।
भारत में प्रति दस लाख की आबादी पर राष्ट्रीय औसत 603 परीक्षण / प्रतिदिन है। केंद्र सरकार के प्रयासों और राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों के प्रभावी कार्यान्वयन के साथ इनमें से 34 राज्य इस आंकड़े को पार कर चुके हैं। राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों को इस बीमारी के मौजूदा पॉजिटिविटी (संक्रमणता) को देखते हुए इसके अनुपातिक स्तर पर परीक्षण करने की सलाह दी जा रही है।
‘टेस्ट, ट्रैक एंड ट्रीट’ यानी परीक्षण, निगरानी और उपचार की कार्यनीति के सफल कार्यान्वयन का एक प्रमुख घटक देश भर में नैदानिक प्रयोगशालाओं का निरंतर विस्तृत होता जा रहा नेटवर्क रहा है। आज की तारीख प्रयोगशालाओं के इस नेटवर्क में सरकारी क्षेत्र की 958 और निजी क्षेत्र की 493 प्रयोगशालाओं के साथ कुल 1451 प्रयोगशालाएं शामिल हैं।
तेजी से बड़े स्तर पर परीक्षण, समग्र निगरानी और पर्याप्त उपचार की कार्यनीति के सफल कार्यान्वयन की वजह से इस बीमारी से ठीक होने की दर में निरंतर सुधार सुनिश्चित हुई है, जो बढ़कर 71.17% पर पहुंच गई है। इलाज के बाद ठीक होने वाले कोविड-19 रोगियों की संख्या बढ़कर 17.5 लाख (17,51,555) से अधिक हो गई है।
कोविड-19 बीमारी से ठीक होने वाली की संख्या इस बीमारी के सक्रिय मामलों (6,61,595) से लगभग 11 लाख (1,089,960) से अधिक है। मानक देखभाल उपचार प्रोटोकॉल के माध्यम से प्रभावी नैदानिक प्रबंधन की वजह से कोविड रोगियों के बीच मृत्यु दर में सुधार और निरंतर गिरावट सुनिश्चित हुई है। मृत्यु दर (केस फेटलिटी रेट) आज 1.95% दर्ज की गई है और इस तरह मृत्यु दर में गिरावट का सिलसिला जारी है।.