भारत में वैक्सीनेशन के बीच बढ़ रहे कोरोना के मामलों के बीच लोगों में इस बात को लेकर संशय बना हुआ है कि कोरोना का वैक्सीन लेने के बावजूद इन्फेक्शन होगा या नहीं। या जो लोग कोरोना का वैक्सीन का डोज ले लेते हैं उन्हें कोरोना क्यों हो रहा है? सवाल यह भी उठ रहे थे कि क्या कोरोना का टीका इन्फेक्शन रोकने में कामयाब है भी या नहीं।
इन सारे सवालों पर दिल्ली से लेकर अमेरिका तक कई देशों ने शोध किए हैं। इन सवालों का जवाब है कि कोरोना का वैक्सीनेशन बहुत जरूरी है। कोरोना का वैक्सीन लेने के बाद यह गारंटी तो कोई नहीं दे सकता कि कोरोना का अटैक नहीं होगा, लेकिन यह गारंटी जरूर है कि कोरोना अटैक और निराश होकर टूट जाएगा। मतलब यह कि कोरोना वैक्सीन लगाने के बाद उससे मौत का भय खत्म हो जाता है। एक सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि कोरोना की अलग-अलग वैक्सीन का अलग-अलग असर होता है। लेकिन सभी वैक्सीन का असर 2 से 3 दिन तक रहते है। इसका यह भी मतलब है कि एक बार कोरोना के दोनों वैक्सीन लेने के बाद कम से कम 2 साल और अधिकतम तीन साल के लिए सुरक्षित रह सकते हैं।
इसलिए सभी सरकारों ने टीकाकरण (Vaccination) की प्रक्रिया भी तेज कर दी है। क्योंकि अब लोगों में कोविड-19 से बचने के लिए एक वैक्सीन ही उम्मीद की किरण है। देश में करोड़ों लोगों को वैक्सीन लग चुकी है और तमाम डोज लेने की लाइन में खड़े हैं। बीच-बीच में वैक्सीन के कुछ साइड इफेक्ट भी आए लेकिन ये भी सच है कि टीकाकरण के बाद लोगों में वायरस से लड़ने की क्षमता आती है।
हाल ही में इस मामले को लेकर कुछ वैज्ञानिकों ने स्टडी की जिसमें दावा किया गया है कि वैक्सीन लेने वाले लोगों की इम्युनिटी काफी बढ़ जाती एक्सपर्ट के अनुसार, जो लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं और उन्होंने इसकी वैक्सीन की पहली डोज लगवा ली है, उनमें कोविड-19 से लड़ने की क्षमता आ जाती है और दोबारा संक्रमित होने का खतरा बेहद कम हो जाता है। लिहाजा शरीर में इम्यूनिटी विकसित हो, इसके लिए इन टीकों की दो डोज जरूरी बताई गई है।
अमेरिकी सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (Disease Control and Prevention) ने 4000 स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स पर टीकाकरण के बाद स्टडी की है। शोध में पाया गया कि वैक्सीन 80 फीसदी तक प्रभावी रही, जबकि दूसरी खुराक के बाद उसका असर 90 फीसदी हो जाता है। वहीं सीरम का कहना है कि अगर दो-तीन महीने के अंतराल में दिया जाए तो वह 90 फीसदी तक असरदार है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि बच्चे हो या बुजुर्ग हर किसी को घातक कोरोनावायरस से बचाव के लिए वैक्सीन लगवाना अब जरूरी है। हालांकि, यह मानदंड सही है कि अधिक उम्र वाले व्यक्ति को पहले टीका लगाया जाए क्योंकि उनकी इम्युनिटी युवाओं की तुलना में बेहद कम होती है। लिहाजा यह महत्वपूर्ण है कि हमें अपने कम्युनिटी में सबसे पहले कमजोर लोगों को वैक्सीन लगवानी चाहिए जिन्हें इसकी अत्यधिक जरूरत है। हालांकि, सरकार द्वारा भी ऐसे ही निर्देश दिए गए हैं।