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Pakistan Civil War: पाकिस्तान में सिविल वॉर! इमरान के सैनिकों और लब्बैक में खूनी संघर्ष, कई मरे, लब्बैक के साथ बागी फौजी और तालिबान

पाकिसतान में सिविल वॉर शुरू!

पाकिस्तान में हालात बेहद खराब होते जा रहे हैं। इमरान समर्थक सुरक्षाबलों और तहरीक-ए-लब्बैक समर्थकों के बीच गोलीबारी में कई लोग मारे गए हैं। लब्बैक के समर्थन में पाकिस्तानी फौजियों के वीडियो वायरल हो रहे हैं। एक वीडियो पत्रकार हामिद मीर ने भी शेयर किया है। जिसमें लब्बैक समर्थकों पर इमरान समर्थक सुरक्षाबल फायरिंग कर रहे हैं। इस फायरिंग में कई लोगों के मारे जाने की खबर है।

पाकिस्तान में कानून व्यवस्था इमरान सरकार के हाथ से निकल चुकी है। कराची, लाहौर, इस्लामाबाद और फैसलाबाद जैसे शहरों कट्टरपंथियों के हाथ में कानून व्यवस्था है। कट्टरपंथी तहरीक-ए-लब्बैक के साथ पाकिस्तानी फौज और सशस्त्र पुलिस के सैकड़ों जवान शामिल हो गए हैं। ये लोग अपने साथ सरकारी असलह और गोला-बारूद भी ले गए हैं। सबसे खतरनाक बात यह है कि टीएलपी के साथ पाकिस्तान तालिबान भी शामिल हो गया है। इन खबरों ने न केवल पाकिस्तान की इमरान सरकार बल्कि दुनिया भर के देशों की नींद उड़ा दी है।

 

इमरान समर्थक सुरक्षाबलों और साद रिज्वी के समर्थको में हुई गोलीबारी में साद रिज्वी के कई समर्थक मारे गए हैं। पाकिस्तानी मीडिया ने तीन लोगों के मारे जाने की पुष्टि की है। जबकि सरकार समर्थक सशस्त्र बलों के दर्जनों जवान घायल हुए हैं।साद रिज्वी के समर्थकों ने सरकार समर्थक एक सीनियर पुलिस अफसर समेत दर्जन भर पुलिसकर्मियों को बंधक बना लिया था। बताया जा रहा है कि साद रिज्वी से बातचीत के बाद उन्हें रिहा करवा लिया है।

 

 बीच पाकिस्तान के उर्दू अखबार डेली जंग में खबर छपी है कि सरकार ने अमन बहाली के लिए टीएलपी के साथ बातचीत शुरू कर दी है। पाकिस्तानी मीडिया ने यह भी दावा किया है कि तहरीक-ए-लब्बैक (टीएलपी) के चीफ साद रिज्वी ने सरैंडर कर दिया है। साद रिज्वी ने अपने समर्थकों से धरना प्रदर्शन भी खत्म करने का ऐलान किया है। हालांकि टीएलपी ने सरकारी बयान पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। टीएलपी के समर्थकों का हंगामा सड़कों पर जारी है।

 

सड़कों से लेकर सोशल मीडिया तक इमरान सरकार के खिलाफ बगावत जोरों पर है। सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में पाकिस्तान सेना का जवान प्रधानमंत्री इमरान खान को अल्टिमेटम देता दिख रहा है। वह चीफ ऑफ स्टाफ से अपील करता है कि खान को रोका जाए वरना पाकिस्तानी सेना के अंदर चिंगारी भड़केगी और फिर तहरीक-ए-इंसाफ और इमरान का नाम लेने वाला कोई नहीं होगा। अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हुए उसने मांग की है कि फ्रांसीसी राजदूत को बाहर निकाला जाए और रिजवी को आजाद किया जाए।

एक और वीडियो में दावा किया गया है कि 87 पुलिसवाले विरोध प्रदर्शनों में TLP के साथ सरकार के खिलाफ अपने हथियार लेकर शामिल हो गए। यह भी दावा किया गया कि 73 सैनिकों ने इस्तीफा दे दिया है और वे भी लाहौर में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। रहे हैं। अब पाकिस्तानी तालिबान भी इस हिंसक प्रदर्शन के समर्थन में उतर आया है।