23 मई… दिन शुक्रवार को शनि देव उल्टी चाल चलना शुरु कर देंगे। उनकी इस उल्टी चाल का सबसे ज्यादा प्रभाव धनु, मकर और कुंभ राशि के जातकों पर पड़ेगा। इन तीन राशि वालों की शनिदेव वक्री चाल के दौरान परेशानियां बढ़ा सकते हैं। शनि की साढ़े साती के तीन चरण होते है। धनु राशि वालों पर इसका अंतिम चरण चल रहा है। अंतिम चरण में शनि जाते-जाते कुछ न कुछ लाभ देकर जाते है। मकर राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती का दूसरा तो कुंभ राशि वालों पर पहला चरण चल रहा है।
कहा जाता है कि शनि की साढ़े साती जिन जातकों की कुंडली में चल रही हो उन्हें इस दौरान कोई नया काम नहीं शुरू करना चाहिए। इसके अलावा धन निवेश से बचना चाहिए। दअसल, तीनों ही राशि पर शनि की साढ़े साती चल रही है। कहा जाता है कि शनि की वक्री चाल में होने से परेशानी बढ़ती जाती है। ऐसे में शनि ढैय्या से पीड़ित जातकों को शनि की वक्री चाल के दौरान सावधान रहना चाहिए। शनि ढैय्या मिथुन और तुला राशि वालों पर चल रही है। राहत की बात यह है कि साल 2022 में शनि के राशि परिवर्तन करते ही मिथुन और तुला राशि वालों को शनि ढैय्या से मुक्ति मिल जाएगी।
फिलहाल इन दो राशि वालों को भी शनि की व्रकी चाल के दौरान उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। सफलता पाने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ सकती है और मानसिक तनाव भी झेलना पड़ेगा। शनि के प्रकोप से बचने के लिए जातक को हर दिन हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।मिट्टी के बर्तन में सरसों के तेल में अपनी परछाई देकर दान करना चाहिए। पीपल के पेड़ पर दीपक जलाना चाहिए। शनि मंत्रों का जाप करने से लाभ होता है। शनि के मंत्र हैं- 'ॐ शं शनैश्चरायै नमः', 'ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः', 'ॐ शं नो देवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये। शं योरभि स्रवंतु नः'