भारतीय रिजर्व बैंक ने आर्थिक संकट का सामना कर रहे भाग्योदय फ्रेंड्स अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (अमरावती) का लाइसेंस रद्द कर दिया है। आरबीआई का कहना है कि भाग्योदय फ्रेंड्स अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के पास पर्याप्त पूंजी नहीं है और वह अपने मौजूदा जमाकर्ताओं को पूरी जमा राशि लौटाने में सक्षम नहीं होगी। हालांकि, बैंक द्वारा जमा किए गए आंकड़ों के मुताबिक, 98फीसदी से अधिक जमाकर्ताओं को डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) से उनकी जमा के आधार पर पूरी रकम मिल जाएगी।
बैंक के बंद होने पर, प्रत्येक जमाकर्ता को उनके जमा पर 5लाख रुपये तक की मौद्रिक बीमित राशि डीआईसीजीसी की ओर से डिपॉजिट बीमा दावा के रूप में प्राप्त होगी। बैंक के लाइसेंस रद्द होने की वजह से गुरुवार से ही बैंकिंग सेवाओं को बंद हो गई हैं। आरबीआई ने कहा है कि बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और आय अनुमान नहीं है और इस वजह से ये बैंकिंग विनियमन अधिनियम 1949के प्रावधानों को पूरा नहीं करता है। ऐसी स्थिति में बैंक का निरंतर परिचालन जमाकर्ताओं के हित में नहीं है।
RBI ने कहा कि मौजूदी वित्तीय स्थिति के हिसाब से बैंक अपने मौजूदा जमाकर्ताओं को उनकी पूरी रकम लौटाने में सक्षम नहीं है। ऐसे में बैंक का परिचालन चालू रखना जमाकर्ताओं के हितों के खिलाफ होगा। महाराष्ट्र के को-ऑपरेशन एंड रजिस्ट्रार ऑफ कॉपरेटिव सोसाएटीज के कमिश्नर को बैंक का लाइसेंस रद्द करने की जानकारी दी गई है और उन्हें बैंक को बंद करने और लिक्विडेटर नियुक्त करने का निर्देश दिया गया है।
इस बैंक पर भी RBI की नजर
इसके अलावा घोटाले के आरोपों से घिरे माइक्रो फाइनेंस कंपनी संबंध फिनसर्व प्राइवेट लिमिटेड पर भी लाइसेंस कैंसिल होने का खतरा मंडरा रहा है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने संबंध फिनसर्व का लाइसेंस रद्द करने से पहले माइक्रो फाइनेंस कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। RBI ने संबंध फिनसर्व से पूछा है कि कंपनी के नेटवर्थ में इतनी बड़ी गिरावट आने के बाद क्यों न उसका लाइसेंस रद्द कर दिया जाए। दरअसल, RBI के नियमों के तहत, नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी के लिए टियर-1 और टियर-2 के तौर पर एक निश्चत कैपिटल बनाए रखना अनिवार्य होता है।