यूपी में चल रहे पंचायत चुनाव को स्थगित करने की मांग तेज हो गई है। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन ने मुख्य चुनाव आयुक्त और राज्य निर्वाचन आयुक्त से त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के शेष चरणों को स्थगित करने की मांग की है। इनका कहना है कि कई मतदानकर्मी ड्यूटी से लौटने के बाद संक्रमित हैं तो कइयों की कोरोना से मौत हो गई है।
प्रांतीय अध्यक्ष विनय कुमार सिंह और प्रांतीय महामंत्री आशुतोष मिश्र ने बताया कि प्रदेश के समस्त जनपदों के समस्त विभागों के कर्मचारियों, अधिकारियों के साथ 80 प्रतिशत परिषदीय शिक्षक निर्वाचन कार्मिक के रूप में अपने दायित्वो का निर्वाहन कर रहें है। प्रशिक्षण के दौरान कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं हुआ। मतदान स्थल पर मतदाताओं की थर्मल स्कैनिंग और सैनिटाइज करने की कोई भी (कोविड हेल्प डेस्क) व्यवस्था नहीं थी। प्रथम दो चरण के मतदान के बाद हजारों मतदान कर्मी भी कोविड पॉजिटिव हो चुके हैं और उनमें से कई कार्मिको व शिक्षकों की मृत्यु हो गई है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए चुनाव को स्थगित कर बाद में कराना चाहिए जब स्थिति सामान्य हो जाए।
पंचायत चुनाव का तीसरा चरण 26 अप्रैल को है। इसके लिए मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण कर्मचारी खौफ में हैं। अधिकतर जिलों में कर्मचारियों ने चुनाव से ड्यूटी कटवाने के लिए प्रार्थना पत्र दिए हैं। कुछ कर्मचारियों ने खुद को बीमार बताया है जबकि कुछ ने अपने परिजनों को संक्रमित बताते हुए ड्यूटी से छूट मांगी है। उधर, कर्मचारी संगठन पदाधिकारियों का कहना है कि चुनाव स्थगित किए जाएं क्योंकि चुनाव ड्यूटी में कोविड प्रोटोकॉल का कोई पालन नहीं हो रहा है और कर्मचारियों की जान खतरे में है।
यूपी पंचायत चुनाव के तीसरे चरण में 20 जिले शामिल हैं, जिनमें शामली, मेरठ, मुरादाबाद, पीलीभीत, कासगंज, फिरोजाबाद, औरैया, कानपुर देहात, जालौन, हमीरपुर, फतेहपुर, उन्नाव, अमेठी, बाराबंकी, बलरामपुर, सिद्धार्थ नगर, देवरिया, चंदौली, मिर्जापुर और बलिया हैं। यहां 26 अप्रैल को मतदान होगा।