पश्चिम बंगाल में अभी दो चरण के चुनाव बाकी हैं लेकिन इससे पहले बंगाल में कोरोना बम फूट चुका है। जितने भी लोग जांच के लिए आ रहे हैं उनमें आधे से ज्यादा की रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है। एक महीने पहले तक पश्चिम बंगाल में पॉजिटिविटी रेट महज 5 फीसदी था। कोलकाता में अब पॉजिटीविटी रेट 50 फीसदी से ऊपर है। बाकी शहरों 25 फीसदी हो चुका है। बड़े पैमाने पर कोरोना पॉजिटिव मिलने से लोग कोरोना टेस्ट करवाने के कतरा रहे हैं।
एक अप्रैल को बंगाल में 25,766लोगों की कोरोना टेस्टिंग हुई थी, जिसमें सिर्फ 1274लोग पॉजिटिव पाए गए थे। यह पॉजिटिविटी रेट 4.9फीसदी की थी। शनिवार को 55,060लोगों की जांच हुई, जिसमें से रिकॉर्ड 14,281लोग पॉजिटिव मिले। यह दर 25.9फीसदी है।
पश्चिम बंगाल में शनिवार को एक दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के सबसे अधिक 14,281मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 7,28,061हो गई है। संक्रमण के चलते 59और रोगियों की मौत के बाद मृतकों की कुल तादाद 10,884हो गई है।
पश्चिम बंगाल में इन दिनों विधानसभा चुनाव चल रहे हैं। चुनाव आयोग इस बार आठ चरणों में चुनाव करवा रहा है। सातवें चरण के लिए मतदान कल (सोमवार) को 36सीटों पर होगा। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बीच लगातार विभिन्न पार्टियों के नेता रैलियों को आयोजित करते रहे। हालांकि, बड़ी संख्या में आम जनता ने चुनावी रैलियों को रद्द किए जाने की भी मांग की, लेकिन आधे से ज्यादा चरण के मतदान बीत जाने के बाद चुनाव आयोग और दलों के नेताओं ने इस पर फैसले लिए। बीते गुरुवार को अंतिम फेज से सात दिन पहले चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल में तत्काल प्रभाव से रोड शो और वाहन रैली पर रोक लगाई है।
बैन लगाने के साथ-साथ चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि कई राजनीतिक दल के उम्मीदवार सार्वजनिक कार्यक्रमों में सुरक्षा मानदंडों का पालन नहीं कर रहे हैं। चुनाव आयोग ने चुनावी सभा में अधिकतम 500लोगों के शामिल होने की अनुमति दी है। आयोग का यह फैसला तब आया, जब कुछ दिन पहले कलकत्ता हाई कोर्ट ने चुनाव प्रक्रिया के दौरान कोविड-19रोधी नियमों के क्रियान्वयन को लेकर चुनाव आयोग से नाराजगी जताई थी।