बिहार बोर्ड ने मैट्रिक और इंटर के विद्यार्थियों को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। दरअसल बिहार बोर्ड द्वारा सभी विद्यार्थियों के डेटा को ई-ऑफिस से जोड़ा जा रहा है। ई-ऑफिस से जुड़ने के बाद विद्यार्थियों का सारा काम स्कूल से ही हो जाएगा। सभी स्कूल के विद्यार्थियों का डेटा सुरक्षित रहे, इसके लिए बोर्ड द्वारा ई-ऑफिस बनाया गया है।
ई-ऑफिस में राज्य के सभी स्कूलों को जोड़ा गया है। इससे नौंवी से 12वीं तक के रजिस्ट्रेशन से लेकर परीक्षा फार्म तक ई-ऑफिस के माध्यम से भराया जायेगा। ऑनलाइन फार्म भराने की प्रक्रिया पिछले कई सालों से चल रही है। ऐसे में कई बार छात्र और छात्राओं का डेटा लीक हो जाता था। डेटा लीक कर बिहार बोर्ड के नाम पर पैसे मांग कर पास करने का प्रलोभन दिया जाता था। चूंकि कई स्कूलों द्वारा रजिस्ट्रेशन और परीक्षा फार्म साइबर कैफे से भराया जाता था। इससे स्कूल का डेटा साइबर कैफे से लीक हो जाता था। लेकिन अब इन समस्याओं से छात्र बच पायेंगे। अब स्कूल का सारा डेटा सुरक्षित रहेगा।
चंद घंटों में होगा काम
अब तक बिहार बोर्ड द्वारा स्कूलों के पास हर काम डीईओ कार्यालय के माध्यम से किया जाता था। इसमें लगभग एक सप्ताह से 15 दिन लगते थे। लेकिन अब सप्ताह भर का काम एक दिन में ही किया जा सकेगा। बोर्ड द्वारा ई-ऑफिस के माध्यम से ऑनलाइन सीधे स्कूल को भेजा जाएगा। इसके साथ ही ई-ऑफिस से अब स्कूल कोई लापरवाही कर बच नहीं पाएगा। क्योंकि यह स्कूल की हर गतिविधि पर नजर रहेगी। बोर्ड द्वारा स्कूलों को चिन्हित किया जा सकेगा कि कौना-सा स्कूल समय पर काम करके नहीं दिया है। इससे बोर्ड का काम आसान हो जाएगा।
ई-ऑफिस के फायदे
स्कूल, डीईओ और बिहार बोर्ड के सभी काम पेपरलेस होंगे
स्कूल-बोर्ड के बीच सीधा संवाद
स्कूल द्वारा फार्म भरने के बाद छात्रों को दिखाया जा सकेगा
छात्रों के नाम, अभिभावकों के नाम, जन्मतिथि आदि में हो सकेगा स्कूल स्तर पर सुधार
रजिस्ट्रेशन और परीक्षा फार्म अब छात्रों के सामने स्कूल द्वारा भरा जायेगा।
ऑनलाइन काम के लिए अब स्कूलों को साइबर कैफे नहीं दौड़ना पड़ेगा