अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) के प्रोफेसर और संस्कृत के प्रख्यात विद्वान खालिद बिन यूसुफ का आज लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। प्रोफेसर खालिद बिन यूसुफ ने संस्कृत और अरबी भाषा में 300 से अधिक समान शब्दों को सामने लाने की दिशा में उल्लेखनीय कार्य किया था। उन्होंने अपने शोध के माध्यम से यह बात सामने लाने का प्रयास किया था कि संस्कृत और अरबी भाषाओं में बहुत समानता है, क्योंकि हजारों वर्ष पहले इन दोनों भाषाओं के बोलने वाली मानवीय सभ्यता संबंधित भूभाग पर फैली हुई थी। खालिद बिन यूसुफ को वेद और पुराणों का भी अच्छा ज्ञान था।
परिवार के सदस्यों के मुताबिक प्रोफेसर युसूफ में कोविड-19 संक्रमण के लक्षण पाये गये थे और वह गंभीर निमोनिया से जूझ रहे थे। उन्होंने बताया कि उनका स्थानीय अस्पताल में इलाज किया जा रहा था जहां उन्होंने अंतिम सांस ली।
प्रोफ़ेसर यूसुफ भारत के ऐसे पहले मुस्लिम थे जिन्होंने ऋग्वेद में डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की थी। एएमयू के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने प्रोफेसर यूसुफ के निधन पर शोक व्यक्त किया है। गौरतलब है कि पिछले करीब एक पखवाड़े के दौरान एएमयू के 13 सेवारत शिक्षकों की मौत हुई है, जो या तो कोविड-19 से संक्रमित थे या फिर उनमें इस संक्रमण के लक्षण थे।