बंगाल में हिंसा का दौर जारी है। चुनाव खत्म होने के बाद से पश्चिम बंगाल में कई जगहों पर बीजेपी के कार्यकर्ताओं पर हमले हुए। अब इसे लेकर केंद्र सरकार एक्शन में आ गई है। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने शुक्रवार को कहा कि पश्चिम बंगाल में हिंसा के बाद हालत का जायजा लेने पहुंची आयोग की एक टीम ने यह पाया है कि कई महिलाओं को बलात्कार की धमकियां मिला रही हैं। माता-पिता इतने परेशान हैं कि वो अपने बच्चियों को राज्य से बाहर भेजने की तैयारी में हैं।
महिला आयोग की प्रमुख ने कहा, ‘‘आयोग की टीम कई ऐसी पीड़िताओं के बारे में पता चला है जिन्होंने हिंसा के कारण अपना घर छोड़ दिया और आश्रय गृह में रह रही हैं। टीम को सूचित किया गया कि तृणमूल कांग्रेस के गुंडों द्वारा महिलाओं की पिटाई की गई तथा उनके घरों को आग लगा दी गई।’’ उन्होंने बताया कि महिलाएं जिन आश्रय गृहों में रह ही हैं, वहां बुनियादी सुविधाओं का अभाव है तथा इनका कहना है कि उन्हें चिकित्सा और खाने-पीने की उचित सुविधाएं मुहैया नहीं कराई जा रही हैं।
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की प्रचंड जीत के बाद राज्य में हिंसा की कई घटनाएं सामने आई हैं। पश्चिम बंगाल के नंदीग्राम में महिलाओं की कथित पिटाई के वीडियो का संज्ञान लेते हुए महिला आयोग ने मंगलवार की घोषणा की थी कि उसकी एक टीम मामले की जांच के लिए राज्य का दौरा करेगी। वहीं, कलकत्ता हाईकोर्ट की पांच न्यायाधीशों की पीठ ने एक जनहित याचिका का संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को तीन दिन के अंदर वर्तमान कानून-व्यवस्था की स्थिति पर हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया। याचिका में दावा किया गया कि चुनाव बाद हिंसा के कारण बंगाल में लोगों का जीवन और उनकी स्वतंत्रता खतरे में है।