'बांग्लादेश के विदेश मंत्री डॉक्टर अब्दुल मोमिन ने चीन की हेकड़ी निकाल दी है। उन्होंने कहा कि चीन का बयान अवांछित है। चीन हमें ज्ञान न दे। हमारी विदेश नीति में टांग न अड़ाए। हमें मालूम है कि QUAD हमारे हित में हैं या नहीं हमें QUAD में सहयोग करना है या नहीं ये हम तय करेंगे।'
बांग्लादेश ने चीन को ऐसा भिगो कर मारा है कि चीन दुबारा धमकी देने से कई बार सोचेगा। बांग्लादेश चीन को पहले भी कई बार कूटनीतिक तौर पर चीन को जवाब दे चुका है लेकिन पाकिस्तान की तरह चीन की भी आदत है जब तक घुमा कर गाल पर तमाचा न जड़ा जाए तब तक वो बलवलाता ही रहता है। क्वाड देशों को सहयोग देने और क्वाड में सहभागिता पर धमकी देने वाले चीन को बांग्लादेश के विदेशमंत्री डॉक्टर एके मोमिन ने कहा कि चीन के राजदूत का बयान बेहद निराशाजनक है। चीन का आक्रामक रुख बर्दाश्त के नाकाबिल है। बांग्लादेश स्वतंत्र और स्वंयप्रभ राष्ट्र है। चीन को बांग्लादेश की नीतियों में दखलअंदाजी का कोई अधिकार नहीं है। हालांकि, उन्होंने कहा कि क्वाड देशों की ओर से अभी बांग्लादेश से संपर्क नहीं किया गया है। चीन का इससे पहले इस तरह का आक्रामक रुख आपेक्षित नहीं था।
डॉ. मोमिन ने कहा कि चीन अपनी राय रख सकता है लेकिन बांग्लादेश खुद तय करेगा कि उसे क्या करना है और क्या नहीं। चीन को माकूल और सधे हुए शब्दों में डॉ. मोमिन ने चीन को चेतावनी भी दी है कि बांग्लादेश के हित में क्या है और क्या नहीं यह बांग्लादेश की सरकार अच्छी तरह जानती है।
मीडिया ने डॉक्टर मोमिन से चीनी राजदत ली जिममिंग के बयान पर प्रतिक्रिया देने को कहा तो उन्होंने कहा- हम किसी अवांछित बयान को महत्व नहीं देते। वो जो कह चुके हैं वो पर्याप्त है।
ध्यान रहे, बांग्लादेश में चीन के राजदूत ली जिममिंग ने कहा था कि यदि बांग्लादेश क्वाड देशों के साथ भागीदारी करता है तो चीन के साथ उसके सम्बंधों के लिए अच्छा नहीं होगा।
उल्लेखनीय है कि भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के क्वाड गठजोड़ से चीन पहले से ही चि़ढ़ता आ रहा है और ये किसी से छिपा नहीं है। लेकिन बांग्लादेश को इस मामले में खुली चेतावनी देना चीन की सोच को और पुख्ता कर रहा है। चीन ने बांग्लादेश को धमकी दी है कि अगर ढाका ने इस गठजोड़ में शामिल होने के बारे में सोचा तो बीजिंग से उसके रिश्तों पर इसका असर जरूर पड़ेगा।
बांग्लादेश में चीन के राजदूत ली जिमिंग ने ढाका में मीडिया से बातचीत करते हुए अगर बांग्लादेश इन चार देशों के गठजोड़ में शामिल होगा, तो उसके चीन के साथ उसके रिश्तों को काफी नुकसान होगा। ली ने बताया कि क्वाड एक छोटे उद्देश्य के साथ बनाया गया एकजियोपॉलिटिकल गुट है, जो चीन के खिलाफ काम कर रहा है।
ली ने कहा कि भले ही ये गठजोड़ आर्थिक और सुरक्षा के मकसद से बनाया गया हो लेकिन ये सच नहीं है। असल में इस क्वाड को चीन के खिलाफ काम करने के लिए बनाया गया है। ली ने कहा कि इसका हिस्सा बनने पर बांग्लादेश को कोई फायदा नहीं होगा बल्कि नुकसान ही होगा।
बता दें कि क्वाड्रीलेटरल सिक्योरिटी डायलॉग यानी क्वाड भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया और बांग्लादेश के बीच एक बहुपक्षीय समझौता है। क्वाड बनाने का मुख्य उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग बढ़ाना है, ताकि समुद्रों से व्यापार आसान हो। लेकिन व्यापार के साथ-साथ अब यहाँ सैनिक बेस को भी मजबूती दी जा रही है और यही बात चीन को सबसे ज्यादा परेशान कर रही है। चीन को लगता है कि भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका मिलकर चीन के खिलाफ रणनीतिक साजिश रच रहे हैं। इसकी वजह यह है कि क्वाड संगठन दूसरे मुद्दों के साथ-साथ समुद्र में चीन की बढ़ती दादागिरी पर भी लगाम लगाने की तैयारी में है। इस गुट को चीन हमेशा से चीन की साजिश मानता है।