चीन का मिसगाइडेड रॉकेट स्पेस स्टेशन के बेहद नजदीक पहुंच गया था। ये चीनी रॉकेट हिंद महासागर में गिरने से पहले अंतरिक्ष में चक्कर लगा रहे स्पेस स्टेशन के बेहद करीब पहुंचा गया था। अमेरिकी एस्ट्रोफिजिक्स सेंटर के खगोलविद जोनाथन मैकडावेल इस चीनी रॉकेट के रास्ते पर नजर गड़ाए हुए थे। सोमवार को उन्होंने ट्वीट करके कहा कि चीनी रॉकेट धरती की ओर आते समय अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन के बेहद करीब से गुजरा था।
जोनाथन ने कहा कि चीनी रॉकेट और अंतरिक्ष स्टेशन तिआन्हे के अलग होने के 6 मिनट बाद ये दोनों ही अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन के बेहद करीब आ गए थे। वे 300 किमी के दायरे में आ गए थे जो परिक्रमा पथ के लिहाज से बेहद चिंताजनक था। उन्होंने कहा कि चीनी रॉकेट को अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन के बेहद करीब से गुजरने के लिए 'तय समय' की जरूरत थी। उन्होंने कहा कि चीनी रॉकेट ने इस आशंका को बढ़ा दिया कि इसे जानबूझकर किया गया। जोनाथन ने कहा कि इस खतरे के बारे में अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन के सहयोगी देशों को नहीं बताया गया था। पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय बना 18 टन वजनी चीनी रॉकेट शनिवार शाम को मालदीव के पास हिंद महासागर में गिर गया था। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने अंतरिक्ष कार्यक्रम को लेकर चीन को कड़ी फटकार लगाई थी।
नासा ने कहा कि चीन जिम्मेदार मानकों का पालन करने में असफल रहा। अमेरिकी अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है कि चीनी रॉकेट लॉन्ग मार्च 5बी का अनियंत्रित हुआ मलबा मालदीव के उत्तर में हिंद महासागर में गिर गया। भारत में भी कई लोगों ने इस रॉकेट को आकाश में गिरते देखने का दावा किया है। इस रॉकेट के अनियंत्रित होने के बाद इसके दुनिया में कहीं भी गिरने की आशंका जताई जा रही थी। नासा प्रशासन के बिल नेल्सन ने चीन की कड़ी आलोचना की और जोर देकर कहा कि यह 'जरूरी' है कि चीन और अन्य देश अंतरिक्ष में 'जिम्मेदारी और पारदर्शिता' के साथ काम करें।