भारत में बढ़ते कोरोना संक्रमण को कोबू करने के लिए इस वक्त टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है, जिसके तहत 18 से ऊपर तक के लोगों को वैक्सीन लगाया जा रहा है। कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड की बात करे तो इसका पहला डोज लेने के 22 दिन बाद असर दिखाना शुरू कर देता है। इसके साथ ही पहली डोज से ही कोरोना से 76 फीसदी तक सुरक्षा मिल जाती है।
बताते चले कि, भारत सरकार की ओर से गुरुवार को ही यह सलाह दी गई है कि कोविशील्ड के पहले और दूसरे टीके के बीच 12 से 16 सप्ताह तक का गैप होना चाहिए। इससे पहले सरकार ने यह गैप 6 से 8 सप्ताह तक रखने की बात कही थी। यही नहीं एकदम शुरुआती दौर में तो यह गैप 4 सप्ताह रखने की ही बात कही गई थी, लेकिन बाद में कई एक्सपर्ट्स की सलाह के आधार पर इस अंतराल को बढ़ाने का फैसला लिया गया है।
तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल में यह दावा किया गया है। एस्ट्रेजेनका की वेबसाइट पर अपनी वैक्सीन को लेकर यह बात की गई है। बता दें कि एस्ट्रेजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की ओर से वैक्सीन को लेकर रिसर्च की गई है और इसका उत्पादन भारत के सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया की ओर से किया गया है। भारत में इस दवा को कोविशील्ड नाम से तैयार किया जा रहा है।
एस्ट्रेजेनेका ने कहा है कि, यूके, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका में हुए क्लीनिकल ट्रायल में यह बात सामने आई है कि पहला टीका लगने के 22 बाद असर दिखने लगता है। पहली डोज लेने के बाद 22 दिन बाद कोई गंभीर मामला या फिर अस्पताल में भर्ती किए जाने की स्थिति देखने को नहीं मिली। रिजल्ट्स के मुताबिक पहली डोज लेने के बाद मरीजों को 76 फीसदी तक सुरक्षा मिल जाती है। इसके बाद 12 सप्ताह या उससे अधिक के गैप के बाद दूसरी डोज लेने पर यह और अधिक होते हुए 82 फीसदी तक हो जाता है। ट्रायल में यह भी बात साने आई है कि वैक्सीन के चलते बिना लक्षण वाले वायरस को भी कंट्रोल करने में मदद मिली है।