मुकीम काला कैराना के हिंदुओं के लिए 'औरंगजेब' था। कैराना में हिंदुओ के पलायल के पिछे मुकीम काला का हाथ है, उसी की दहशत की वजह से कैराना के 346 परिवारों ने यहां से पलायन कर लिया था। शुक्रवार सुबह जब उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिला जेल में गोलियां चली तो इसकी गूंज कैराना के पलायन किए हुए परिवारों के कानों में पड़ी होगी जिसके बाद उन्होंने आज राहत की सांस ली होगी।
शुक्रवार सुबह जेल में बंद शार्प शूटर कैदी अंशुल दीक्षित ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर पश्चिम यूपी के बड़े बदमाश मुकीम काला और मेराजुद्दीन को गोलियों से भून डाला। मुकीम काला और मेराजुद्दीन दोनों के ही तार माफिया सरगना मुख्तार अंसारी से जुड़े हुए हैं। मेराजुद्दीन को बताया जा रहा है कि वो मुख्तार अंसारी का खास है। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने अंशुल दीक्षित को भी मार गिराया। चित्रकूट धाम मण्डल के आईजी के. सत्यनारायण ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि जेल में पश्चिम यूपी के टॉप मोस्ट क्रिमिनल मेरारजुद्दीन और मुकीम उर्फ काला पर शार्प शूटर अंशुल दीक्षित ने गोलियां दांगी। जिसमें मेराजुद्दीन और मुकीम मारे गए। इसके बाद पुलिस बल ने जेल के अंदर ही अंशुल का एनकाउंटर कर दिया।
कौन है मुकीम काला
मुकीम काला ने पहली वारदात हरियाणा के पानीपत में एक मकान में डकैती के रूप में अंजाम दी थी। इस मामले में मकीम काला जेल भी गया था। उसके बाद उसने अपराध की दुनिया में अपना कदम और आगे बढ़ा दिया। मुकिम काला की वजह से कैराना के 346 परिवारों ने पलायन किया था। इस मुद्दे को30 अप्रैल 2016 को पूर्व सांसद हुकुम सिंह ने उठाया था। उन्होंने ही मुकीम काला के अपराधों का काला चिट्ठा खोला। उन्होंने कैराना और कांधला से पलायन करने वाले 346 परिवारों की सूची जारी की थी। जिसके बाद यह मुद्दा पूरे देश में छा गया।
मुकीम काला का खौफ वेस्ट यूपी के अलावा हरियाणा के पानीपत और उत्तराखंड के देहरादून में भी फैला है। मुकीम का गैंग पुलिस के राडार पर तब आया जब इन्होंने पुलिस पर भी हमले करने शुरू कर दिए। पुलिस के अनुसार, दिसंबर 2011 में पुलिस एनकाउंटर में मुस्तफा उर्फ कग्गा मारा गया जिसके बाद मुस्तकीम काला ने कग्गा के गैंग की बागडोर संभाल कर वारदातों को अंजाम देना शुरू कर दिया। मुकीम पर 61 मुकदमें दर्ज हैं।
मुख्तार का खास है मेराजुद्दीन
पश्चिमी यूपी के गैंगस्टर वसीम काला और पूर्वांचल के मुख्तार गैंग का गुर्गे मेराजुद्दीन को कुछ दिनों पहले चित्रकूट जेल में लाया गया था। इसी जेल में काफी समय से शातिर अपराधि अंशुल बंद था। शुक्रवार सुबह मौका मिलते ही अंशुल ने दोनों बदमाशों पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं। जब तक सुरक्षाकर्मी कुछ समझ पाते तब तक कई राउंड गोलियां वसीम और मेराजुद्दीन पर उतार दीं। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। इशके बाद सुरक्षाकर्मियों ने अंशुल को आत्मसमर्पण करने के लिए कहा लेकिन उसने सुरक्षा कर्मियों पर फायरिंग शुरू कर दी। जिसके बाद जवाबी फायरिंग में पुलिस ने उसे मार गिराया।
खबर मिलते ही आईजी, कमिश्नर, डीएम, एसपी समेत सारे आला अफसर जेल पहुंच गए। घंटेभर के अंदर जेल के अंदर कई थानों का फोर्स भी मोर्चा लेने पहुंच गई। सहारनपुर जेल से कुछ दिन पहले ही चित्रकूट लाया गया मुकीम काला और बनारस जेल से लाया गया मुख्तार अंसारी का खास मेराजुद्दीन मारा गया।