देश दो प्रमुख पार्टियों के बीच टूलकिट को लेकर जंग जारी है। दोनों दल के बीच वार-पलटवार का सिलसिला चल रहा है। बीते दिन भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस पर एक टूलकिट के जरिए कोरोना संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि करने का आरोप लगाया। वहीं कांग्रेस पार्टी ने कोरोना महामारी के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को बचाने एवं लोगों का ध्यान भटकाने के लिए बीजेपी पर ‘फर्जी टूलकिट' तैयार करने का आरोप लगाया है। अब यह मामला देश के शीर्ष अदालत में पहुंच गया है।
याचिकाकर्ता वकील शशांक शेखर झा ने अंतरराष्ट्रीय साजिश का पता लगाने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) जांच और दोष साबित होने पर कांग्रेस की मान्यता रद्द करने की मांग की है। बता दें कि मंगलवार को टूलकिट मामले पर कांग्रेस और भाजपा के बीज दिनभर जुबानी जंग चलती रहीं। कांग्रेस ने इस बाबत भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा, पार्टी प्रवक्ता संबित पात्रा, समेत अन्य नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की। कांग्रेस ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर और एसएचओ तुगलक रोड पुलिस स्टेशन को पत्र लिखा । पत्र में जेपी नड्डा, संबित पात्रा, स्मृति ईरानी, बीएल संतोष समेत कई अन्य नेताओं के नाम हैं। पत्र में लिखा गया कि इन लोगों ने देश में सांप्रदायिक अशांति फैलाने उद्देश्य से सोशल मीडिया के जरिए झूठी अफवाहें फैलाई जा रही है।
कांग्रेस के मुताबिक, नई दिल्ली के तुगलक रोड थाने में पार्टी के शोध विभाग के प्रमुख राजीव गौड़ा और सोशल मीडिया विभाग के प्रमुख रोहन गुप्ता की तरफ से शिकायत दर्ज कराई गई है। पार्टी ने इस शिकायत में मांग की है कि ‘जालसाजी' और ‘झूठ फैलाने' के लिए भाजपा के जेपी नड्डा, बीएल संतोष, संबित पात्रा तथा कई अन्य नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाए तथा उनकी गिरफ्तारी भी की जाए। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस ‘टूलकिट' को फर्जी करार देते हुए कहा कि सत्तापक्ष को ‘झूठ फैलाना' बंद कर लोगों का जीवन बचाने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘अपना समय झूठ फैलाने में बर्बाद मत करिए। जागिए और लोगों का जीवन बचाना शुरू करिए।''