देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे एजी पेरारिवलन को 30 दिन की पैरोल मिल गई है। उसकी पैरोल को मंजूरी स्टालिन सरकार ने दी। दरअसल, पेरारिवलन की स्वास्थ्य स्थिति का हवाला देते हुए मां अर्पुथम्माल ने तमिलनाडु के सीएम से अपील की थी। एजी पेरारिवलन के बीमार स्वास्थ्य के चलते पेरारिवलन को 30 दिन की छुट्टी दी गई है।
सरकार विज्ञप्ति के मुताबिक, स्टालिन ने पेरारिवलन की मां अरपुथम्माल की एक याचिका पर विचार करने के बाद संबंधित नियमों में ढील दी और 30 दिन का साधारण अवकाश देने का आदेश जारी किया। पेरारिवलन की मां ने अपने बेटे के लिए चिकित्सा आधार पर छुट्टियों की मांग की थी। आपको बता दें कि राजीव गांधी हत्याकांड मामले में सात लोग उम्रकैद की सजा भुगत रहे है। इन्हीं में से एक एजी पेरारिवलन है। जिस समय पेरारिवलन को अरेस्ट किया गया था उस समय उसकी उम्र 19 साल थी।
पेरारिवलन पर आरोप लगा था कि जिस आत्मघाती बम से राजीव गांधी की हत्या की गई थी उसके लिए 9 वोल्ट की बैटरी हत्यारों को उसने खरीदकर दी थी। 9 वोल्ट की यह बैटरी किसी भी आम दुकान पर उपलब्ध होती है। पेरारिवलन को मौत की सजा खुद उसी के इकबालिया बयान के आधार पर सुनाई गई। लेकिन सजा सुनाने के लगभग 26 साल बाद 27 अक्टूबर 2017 को पूर्व सीबीआई अफसर वी त्यागराजन ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया। इसी अफसर ने पेरारिवलन का इकबालिया बयान दर्ज किया था।
उस समय यह एसपी था बाद में एडीजीपी के पद से रिटायर हुआ। त्यागराजन ने अपने हलफनामे में कहा कि उसने पेरारिवलन के बयान का एक हिस्सा उसमें नहीं लिखा था। पेरारिवलन ने कहा था- 'मैंने यह बैटरी खरीदी थी, लेकिन मुझे यह जरा भी नहीं पता था कि इनका क्या इस्तेमाल होना है। लेकिन पेरारिवलन के जानकारी न होने का बयान नहीं दर्ज किया गया। बाद में जब सीबीआई जांच आगे बढ़ी तो यह साफ हुआ कि पेरारिवलन को वाकई इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी।'