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पहली महिला कैदी शबनम को फांसी देगा मर्द जल्लाद, बरेली जेल में दी जाएगी फांसी!

Amroha Bawankheri Murder Case Petition filed to save convict shabnam rejected NHRC

उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले की बावनखेड़ी हत्याकांड की दोषी शबनम एक बार फिर से चर्चा में है। यह मामला राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोगा पहुंचा और आयोग ने मामला दर्ज भी कर लिया लेकिन शाम तक उसे खारिज कर दिया। आयोग ने इसे कोर्ट के विचारधीन कहकर डिसमिस कर दिया। इस हत्याकांड में शबनम को फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है और इस वक्त वो बरेली की जेल में बंद है।

दरअसल, बावनखेड़ी हत्याकांड की सीबीआई से जांच की मांग की गई थी जिसे मानवाधिकार आयोग ने कहा है कि यह मामला उसके अधिकार क्षेत्र से बाहर है। इसमें आरटीआई कार्यकर्ता ने आयोग में अर्जी लगाई थी। दानिश खां ने 21 फरवरी 2021 को मानवाधिकार आयोग में अपनी अर्जी लगाई थी, जिसे 20 मई को दर्ज किया गया था। दानिश ने मांग की थी कि बावनखेड़ी कांड की सीबीआई से जांच कराई जानी चाहिए। उन्होंने तर्क दिया था कि यूपी पुलिस की जांच के आधार पर शबनम को दोषी ठहराया गया है।

महिला जल्लाद दे फांसी

उनकी दूसरी मांग थी कि अगर शबनम को फांसी दी जाए तो इसके लिए महिला जल्लाद की व्यवस्था की जाए, क्योंकि देश में पहली बार किसी महिला को फांसी दी जाएगी। ऐसे में किसी पुरुष जल्लाद द्वारा महिला को फांसी देना उचित नहीं है। आयोग ने दानिश की अर्जी को दर्ज तो कर लिया था, लेकिन इसे यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह मामला उसके अधिकार क्षेत्र का नहीं है।

बावनखेड़ी हत्याकांड

14 अप्रेल 2008 में शबनम ने अपने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर कुल्हाड़ी से अपने मां-पिता, भतीजा, भाभी, भाई समेत 7 लोगो की हत्या कर दी थी। फिर हत्या के जुर्म से बचने के लिए फिल्मी अंदाज में कहानी रच दी। मात्र 4 दिन में ही पुलिस ने उसकी पूरी पोल खोल दी थी। पुलिस ने शबनम और उसके प्रेमी को गिरफ्तार कर लिया था। अमरोहा के जनपद न्यायालय से दोनों को 2010 में फांसी की सजा सुनाई थी।