पाकिस्तान की आवाम पहले से ही तेक की कीमतों, दैनिक उपयोग की वस्तुओं और फूड आइटम्स के दामों में बढ़ोतरी से कराह रही थी, कि इस बीच इमरान सरकार ने जनता को एक और झटका दे दिया। महंगाई के बोझ तले दबी पाकिस्तान के आवाम को अब बिजली का भी मार झेलना होगा।
कोरोना महामारी के दौर में यह जनता के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है, इस दौर में जब सब कुछ बंद है और पैसे के लाले पड़े हैं तो इस बीच संघीय कैबिनेट द्वारा बढ़ाए गए बिजली शुल्क का फैसला जनता का गला घोंटने से कम नहीं है। पाकिस्तानी टीवी चैनलों के हवाले से बताया गया है कि पाकिस्तान सरकार ने बिजली की दर 1.72 पर यूनिट बढ़ा दी है। इस फैसले पर शुक्रवार को कैबिनेट ने भी मुहर लगा दी है। पाकिस्तानी कैबिनेट ने वित्त वर्ष 2020 की चौथी तिमाही में 82 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि को मंजूरी दी है।
वहीं, इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सरकार ने समायोजन के लिहाज से प्रति यूनिट 90 पैसे की बढ़ोतरी को मंजूरी दी थी। द न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, बिजली टैरिफ में वृद्धि अक्टूबर 2021 से लागू की जाएगी। गौरतलब है कि इससे पहले मार्च 2021 में नेशनल इलेक्ट्रिक पावर रेगुलेटरी अथॉरिटी (नेप्रा) ने बिजली दर में 89 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी की अधिसूचना जारी की थी।
विवरण के अनुसार, लगभग 6.9 बिलियन रुपये अतिरिक्त राजस्व उत्पन्न करने के लिए दरों में वृद्धि की गई थी। द न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, नेप्रा ने 25 फरवरी को सेंट्रल पावर परचेज एजेंसी (सीसीपीए) के बिजली की दर में वृद्धि के अनुरोध पर एक जन सुनवाई की थी।