'धोती वाला मोदी' और 'केरल का स्तालिन' के नाम से मशहूर केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने एक निर्णायक भूमिका निभाई है। मुख्यमंत्री की कुर्सी मिलने के बाद पिनराई कई पुरानी परियोजनाओं पर काम शुरू करवाने के अलावा पेंशन और राशन के वितरण पर खास जोर दिया। कई तरह की कल्याणकारी योजनाओं को अमल में लाए। वो अब 20लाख युवकों को नौकरी देने की तैयारी करने में लगे हुआ है। पिनराई ने अपने कार्यकाल के दौरान कई प्राकृतिक आपदाओं का बड़ी दृढ़ता और समझदारी से सामना किया।
फिर चाहे साल 2018में राज्य में आई भयंकर बाढ़ हो या फिर समुद्री तूफान, पिनराई हर आपदा का डटकर सामना किया है। यही नहीं, साल 2019में निपाह वायरस का प्रकोप हो या साल 2020से शुरु कोविड 19की महामारी, उन्होंने हर हालात पर अपना नियंत्रण नहीं खोया है। उनके काम करने का तरीका बेहद अलग है। उनके कुछ दोस्त उन्हें 'कप्तान' बुलाते है। यही नहीं, उन्हें 'धोती वाला मोदी' और 'केरल का स्तालिन' भी कहा जाता है। उन्हें ये नाम देने की पीछे की वजह है। दरअसल, वो पीएम मोदी की तरह एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखते है।
उनके बारे में यह भी कहा जाता है कि वो अपने फैसलों में किसी का दखल बर्दाश्त नहीं करते। स्तालिन से उनकी तुलना करने के पीछे की वजह ये है कि वो राजनीति के खेल के माहिर है। उन्होंने अपने विरोधियों, जिनमें केरल के पूर्व मुख्यमंत्री वी एस अच्युतानंदन जैसे दिग्गज शामिल है, का बड़ी कुशलता से सफाया किया। पिनराई के सफर पर नजर डालें तो कन्नूर के एक गरीब परिवार में जन्मे पिनराई ने पेरलास्सेरी हाईस्कूल से शुरुआती पढ़ाई करने के बाद ब्रेनन कॉलेज से आगे की पढ़ाई की और इस दौरान छात्र संघों के माध्यम से उन्होंने राजनीति के गुर सीखे।
1964में वो औपचारिक रूप से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी में शामिल हो गए और यहां से सक्रिय राजनीति में उनके सफर की शुरुआत हुई। जिला समिति और जिला सचिवालय से आगे बढ़ते हुए वो 1998में पार्टी की केरल इकाई के प्रभारी बनाए गए और 2015तक इस पद पर रहे। इस दौरान वो राज्य में कई विभागों के मंत्री बनाए गए और पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के करीबी बने रहे। साल 2016के विधानसभा चुनाव में वो मुख्यमंत्री की कुर्सी तक आ गए।
साल 2006से 2011के बीच राज्य के मुख्यमंत्री रहे वी एस अच्युतानंदन से एक बड़ी सियासी जंग जीत चुके थे। मुख्यमंत्री की कुर्सी मिलने के बाद पिनराई कई पुरानी परियोजनाओं पर काम शुरू करवाने के अलावा पेंशन और राशन के वितरण पर खास जोर दिया। कई तरह की कल्याणकारी योजनाओं को अमल में लाए। वो अब 20लाख युवकों को नौकरी देने की तैयारी करने में लगे हुआ है।