प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर बनाई जाने वाली रणनीतिक रोहतांग सुरंग का अगले महीने उद्घाटन किए जाने की संभावना है। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह ने शनिवार को इसकी प्रगति की समीक्षा की। एक महीने के भीतर सिंह की दूसरी यात्रा के बाद बीआरओ ने एक आधिकारिक बयान में कहा, "इसके रणनीतिक महत्व के चलते सुरंग पर कार्य की प्रगति की निगरानी डीजीबीआर (डायरेक्टर जनरल बॉर्डर रोड्स) द्वारा व्यक्तिगत स्तर पर की जाती है जिसके तहत वह हितधारकों से नियमित तौर पर बातचीत कर इसके बारे में जानकारी लेते हैं।"
पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी की पूर्व संध्या पर केंद्र सरकार ने 24 दिसंबर, 2019 को उनकी स्मृति में रोहतांग टनल का नामकरण 'अटल टनल' के रूप में करने की घोषणा की, जिससे मनाली व लेह के बीच दूरी काफी कम हो जाएगी।
भाजपा के इस दिवंगत दिग्गज नेता ने साल 2003 में सुरंग के लिए आधारशिला रखी थी जिसकी मदद से लाहौल-स्पीति के बीच सभी तरह के मौसम में सड़क यातायात सुगम हो जाएगा और इससे पर्यटन में भी गति आएगी क्योंकि इससे पहले ठंड में देश के बाकी हिस्सों से यहां का संपर्क टूट जाता था। सुरंग के बन जाने के बाद सर्दियों के मौसम में यातायात के लिए इसका उपयोग किया जा सकेगा।
सुरंग की लंबाई 9,020 मीटर है।
बीआरओ ने कहा, "डीजीबीआर के रूप में उनकी नियुक्ति के बाद से सुरंग पर काम में तेजी आई है और जल्द ही इसे राष्ट्र को समर्पित किया जाएगा। यह बीआरओ के लिए एक और मील का पत्थर होगी जो हाल ही में अवसंरचना विकास संबंधी परियोजना के लिए सूर्खियों में रही है।".