भारतीय सेना अब चीन की हर चाल पर नजर रखेगा, ड्रैगन कोई भी चाल चले उससे पहले भारतीय सैनिकों को पता चल जाएगा। दरअसल, भारत और चीन से लद्दाख में लगने वाली सीमारेखा एलएसी क्षेत्र में निगरानी के लिए भारतीय सेना अब ने एक विशेष ड्रोन की व्यवस्था की है। और इसमें इसरायल साथ दे रहा है जो जल्द ही देश को हेरॉन ड्रोन (Heron Drone) देने वाला है।
इस ड्रोन के जरिए सेनाएं वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) और लद्दाख में और पैनी निगरानी कर पाएंगी। कोरोना महामारी की वजह से ड्रोन की डिलीवरी में देरी हुई है। सेना को चार ड्रोन मिलेंगे। खबरों की माने तो जो ड्रोन मिलने वाले हैं वो एडवांस वर्जन हैं, इनकी एंटी-जैमिंग क्षमता पहले काफी बेहतर हुई है। इन नए ड्रोन्स की खरीदारी इमरजेंसी फंड के जरिए की गई है। केंद्र सरकार ने चीन से जारी विवाद के बीच 500 करोड़ रुपये का इमरजेंसी फंड जारी किया था।
इसके अलावा कुछ अन्य छोटे ड्रोन भी अमेरिका से खरीदे जा रहे हैं। ये ड्रोन बटालियन लेवल पर मुहैया कराए जाएंगे। हाथों से ऑपरेट किए जा सकने वाले इन ड्रोन्स का इस्तेमाल किसी आशंकित जगह की जानकारी जुटाने में किया जा सकेगा।
हेरॉन ड्रोन की खासिययत
इस ड्रोन की इस वक्त दुनिया में काफी मांग है। यह 30 हजार फिट की ऊंचाई तक उड़ सकता है और युद्ध के मैदान पर रियल टाइम जानकारी उपलब्ध करता है। इजरायल एरोस्पेस इंडस्ट्रीज (IAI) ने निगरानी करने वाले उपकरणों में खास ड्रोन तैयार किए हैं। इन खास एयरक्राफ्ट को आज के आधुनिक युद्ध स्थलों से खुफिया जानकारी हासिल करने में महारत है। हेरॉन या माकात्ज एक मीडियम एल्टीट्यूड का UAV है। जिसे खास तौर पर निगरानी और सर्विलियंस ऑपरेशन्स के लिए बनाया गया है।