'देश के सर्वोच्च अधिशाषी अधिकारी यानी प्रधानमंत्री मोदी की मीटिंग में देर से पहुंचकर अवमानना करना पश्चिम बंगाल के चीफ सेक्रेटरी अलपन उपाध्याय को भारी पड़ गया है। केंद्र ने उनका तबादला डीओपीटी दिल्ली में कर दिया है। इसके बाद कयास लगने लगे हैं कि राज्य में कानून-व्यवस्था का तकाजा बता कर क्या सीएम ममता बनर्जी को भी बर्खास्त किया जाएगा!'
चक्रवाती तूफान यास से हुए नुकसान की समीक्षा बैठक करने पहुंचे पीएम मोदी की अवमानना करने वाले बंगाल के चीफ सेक्रेटरी अलपन बद्योपध्याय को सजा मिल गई है। केंद्र सरकार ने अलपन बंद्योपाध्याय को दिल्ली वापस बुला लिया है। अलपन को निर्देश दिया गया है कि वो 31 मई तक डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग में रिपोर्ट करें।केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल सरकार से उन्हें जल्द से जल्द रिलीव करने का भी अनुरोध किया है।
Approved the placement of Alapan Bandyopadhyay (West Bengal Chief Secretary) with the Government of India. Accordingly, the State Govt is requested to relieve him with immediate effect and direct him to report to the Dept of Personnel & Training (DoPT), Delhi by 31st May: DoPT pic.twitter.com/HeyRiEJ7UW
— ANI (@ANI) May 28, 2021
अलपन बंदोपाध्याय का बतौर मुख्य सचिव उनका कार्यकाल इसी महीने के आखिरी में खत्म हो रहा था लेकिन कुछ दिन पहले ही ममता सरकार ने अगले तीन महीने के लिए उनका कार्यकाल बढ़ा दिया था। अलपन बंदोपाध्याय को ममता बनर्जी का करीबी माना जाता है।
वहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित पार्टी के कई शीर्ष नेताओं ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि चक्रवात 'यास से हुए नुकसान की समीक्षा के लिए पश्चिम बंगाल में हुई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नदारद रहीं और ऐसा करके उन्होंने संवैधानिक मर्यादाओं को तार-तार करने के साथ ही संघीय व्यवस्था की मूल भावना को भी आहत किया।