चीन अपनी बूढ़ी होती आबादी और घटती जनसंख्या से चिंतित है। इसे देखते हुए चीन ने परिवार नियोजन के नियमों में बदलाव किया है, इसके तहत अब प्रत्येक मता-पिता को तीन बच्चे पैदा करने की अनुमति होगी। हाल ही में जनसंख्या के आंकड़े सामने आए जिसमें चीन में आबादी का बड़ा तबका तेजी से बूढ़ा हो रहा है। जिसे देखते हुए ड्रैगन को चिंता सताने लगी और तीन बच्चे पैदा करने की नीति लागू कर दी है।
चीन की आधिकारिक समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति शी जिनपिंग की अध्यक्षता में एक पोलित ब्यूरो की बैठक के दौरान बदलाव को मंजूरी दी गई। 2016 में, चीन ने अपनी दशकों पुरानी एक बच्चे की नीति को समाप्त कर दिया था। चीन ने जनसंख्या विस्फोट को रोकने के लिए यह नीति लागू किया था। दो बच्चों की सीमा के साथ चीन में बच्चों के जन्म में निरंतर वृद्धि नहीं हुई। चीन की शहरों में बच्चों की परवरिश की उच्च लागत ने कई जोड़ों ने इसे नहीं अपनाया।
चीन में जनसंख्या सबसे धीमी गति से 1.412 अरब हुई
इस महीने की शुरआत में चीन की एक दशक में एक बार की जनगणना में पता चला कि 1950 के बाद से पिछले दशक के दौरान जनसंख्या सबसे धीमी दर से बढ़ी है। सीर्फ 2020 में महिलाओं ने औसत रूप से 1.3 बच्चों को जन्म दिया है। 2019 की तुलना में 0.53 प्रतिशत बढ़कर 1.41178 अरब हो गई है हालांकि जनसंख्या वृद्धि की यह दर सबसे धीमी है। 2019 में आबादी 1.4 अरब थी। हालांकि, इसके बाद भी चीन की आबादी बाकी देशों से ज्यादा है। वहीं, यह भी कहा जा रहा है कि अगले साल तक इस संख्या में गिरावट आ सकती है, इसमें श्रमिकों की कमी हो सकती है औऱ उपभोग स्तर में भी गिरावट आ सकती है ऐसे में भविष्य में देश के आर्थिक परिदृश्य पर भी इसका असर पड़ेगा।
हाल ही में चीन सरकार द्वारा जारी की गई सातवीं राष्ट्रीय जनगणना के आंकड़ों के अनुसार सभी 31 प्रांतों, स्वायत्त क्षेत्रों और नगरपालिकाओं को मिलाकर चीन की जनसंख्या 1.41178 अरब हो गई है जो 2010 के आंकड़ों के मुकाबले 5.8 प्रतिशत या 7.2 करोड़ ज्यादा है। इन आंकड़ों में हांगकांग और मकाउ को शामिल नहीं किया गया है। चीन 1990 के दशक से हर 10 साल पर राष्ट्रीय जनगणना कराता है।
नए आंकड़ों के मुताबिक देश की जनसंख्या 2010 के मुकाबले 5.38 प्रतिशत या 7.206 करोड़ बढ़कर 1.41178 अरब हो गई है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा जून 2019 में जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन में जहां आबादी में कमी आएगी वहीं 2019 में 1.366 अरब की आबादी वाले भारत के 2027 तक दुनिया के सबसे ज्यादा आबादी वाले देश के तौर पर चीन से आगे निकल जाने का अनुमान है।
चाइल्ड पॉलिसी में हो चुका है कई बार बदलाव
चीन इस वक्त भी दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी वाला देश है और उसके बाद भारत का नंबर आता है। 1970 के दशक में आबादी की बढ़ती रफ्तार पर काबू पाने के लिए चीन के कुछ इलाकों में वन चाइल्ड पॉलिसी लाई गई थी। तब कपल को सिर्फ एक बच्चा पैदा करने की इजाजत दी जाती थी, बाद में ये नियम जब पूरे देश में फैला तो इसका उल्टा असर हुआ। चीन में बच्चों के पैदा होने की रफ्तार कम होने लगी। फिर 2009 में चीन ने वन चाइल्ड पॉलिसी में बदलाव किया और चिन्हित लोगों को दो बच्चे करने की आजादी दी। दो बच्चे सिर्फ वही कपल कर सकते थे, जो अपने माता-पिता की इकलौत संतान थे। साल 2014 तक इस नीति को भी पूरे चीन में लागू कर दिया गया था। अब साल 2021 में चीन ने एक बार फिर अपनी नीति बदली है और एक कपल को चीन बच्चे पैदा करने की इजाजत दी है।