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Jammu Kashmir में अमन-चैन से बौखलाए आतंकियों ने BPJ नेताओं को निशाना बनाना शुरू किया, 2 साल में 9 नेताओं की हत्या

Jammu Kashmir

कश्मीर को फिर से अस्थिर करने की साजिश रची जा रही है। घाटी में लगातार भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं को टारगेट किया जा रहा है। दक्षिण कश्मीर के बेजबेहरा इलाके में आतंकवादियों द्वारा दो नागरिकों की हत्या करने के कुछ दिनों बाद, कल फिर शाम पुलवामा के त्राल इलाके में बीजेपी नेता राकेश पंडिता पर हमला किया। इसके पहले 29 मई 2021 को अनंतनाग के बेजबेहरा इलाके में आतंकियों ने दो युवकों संजीत अहमद पारे और शान भट की गोली मारकर हत्या कर दी थी।

कई जानकारों का मानना है कि बीजेपी के कार्यकर्ताओं पर हमले तेज हुए हैं और ऐसा इस लिए हुआ है क्योंकि बीजेपी घाटी में अपना पैर जमा रही है। अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद से उग्रवादियों के हमलों की सबसे अधिक संभावना है। आतंकवादियों के निशाने में कार्यकर्ता और नेता हैं। अधिकांश बीडीसी, डीसीसी और पंचायत सदस्य केंद्र शासित प्रदेश में बीजेपी के हैं क्योंकि अन्य राजनीतिक दलों द्वारा चुनाव बहिष्कार के बीच बीजेपी ने बड़ी संख्या में भाग लिया।

2019 से बीजेपी कार्यकर्ताओंस की हत्या

4-मई-2019 को अटल गुल मोहम्मद मीर (डूरू वेरीनाग अनंतनाग) की हत्या कर दी गई।

5-जुलाई- 2019 को शब्बीर भट (पुलवामा) की हत्या

8-जुलाई-2020 को वसीम बारी और उनके पिता बशीर अहमद शेख, भाई उमर सुल्तान (बांदीपोरा) की हत्या

6-जुलाई 2020 सज्जाद अहमद (कुलगाम) की हत्या कर दी गई।

10-जुलाई 2020 को अब्दुल्ला हमीद नजर (ओम्परा बडगाम) की हत्या

7-जुलाई- 2020 को आरिफ अहमद (गंभीर रूप से घायल)

23-सितंबर-2020 को बुपिंदर सिंग, बीडीसी अध्यक्ष बडगाम की हत्या

30-अक्टूबर-2020 को गुलाम अहमद यातू, उमर राशिद बेग और उमर रमजान हजम (कुलगाम) के बेटे फिदा हुसैन यातू

02-जून-2021 : राकेश पंडिता, अध्यक्ष नगर पालिका समिति (त्राल पुलवामा)

बीजेपी कार्यकर्ताओं को पहले ही घाटी में सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया गया है, जबकि दर्जनों अन्य को सुरक्षा मुहैया कराई गई है। सुरक्षा के बावजूद हमले हुए और इनमें से कई राजनीतिक कार्यकर्ता सुरक्षा मंजूरी के बिना हिलने-डुलने में असमर्थ हैं। हालांकि, उनमें से कई सुरक्षा मुद्दे के बारे में शिकायत करते रहे हैं।