हिंदी पंचांग के अनुसार, हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। इस महीने में मासिक शिवरात्रि 8 जून को पड़ रहा है। इस दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना की जाती है। भगवान शंकर के साथ-साथ इस दिन माता पार्वती की भी पूजा की जाती है और ऐसा इसलिए है क्योंकि शिव और शक्ति एक-दूसरे के पूरक माने जाते है। चलिए आपको बताते है कि इस दिन की तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में
हिंदी पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का शुभारंभ 8 जून को 11 बजकर 24 मिनट से हो रहा है और ये 9 जून दिन बुधवार को दोपहर 1 बजकर 57 मिनट पर समाप्त होगा। इस दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा के लिए आपको कुल 40 मिनट का समय ही प्राप्त होगा। आप 8 जून को रात 12 बजे से लेकर 12 बजकर 40 मिनट तक ही पूजा-पाठ कर सकते है। मासिक शिवरात्रि का हिंदू धर्म में बहुत ही अधिक महत्व है।
पौराणिक ग्रंथों की कथाओं के अनुसार, इसी शुभ दिन पर माता पार्वती और भगवान शंकर परिणय सूत्र में बंधे थे और इसी दिन भगवान शिव ने साकार रूप भी धारण किया था। मासिक शिवरात्रि भगवान शंकर और माता पार्वती के महामिलन के दिन के तौर पर भी जाना जाता है। यही वो कारण हैं जिनके चलते माता पार्वती और भगवान शंकर दोनों की पूजा एक साथ की जाती है। इस पवित्र दिन पर भक्तगण अगर भगवान भोले शंकर और माता पार्वती दोनों की पूजा करते है तो इससे उनकी समस्त मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है।
इस दिन पूजा करने से भगवान शिव अत्यधिक प्रसन्न होते है। इस दिन पूजा करना भक्तों के लिए सबसे प्रभावशाली हो सकता है। अगर भक्तगण इस दिन भगवान शंकर की पूजा करते हैं तो उन पर भोलेनाथ की विशेष कृपा भी होती है। इस दिन अगर कुंवारी लड़कियां भगवान शंकर का व्रत रखती हैं तो उन्हें अपने जीवनसाथी के रूप में मनवांछित वर की प्राप्ति होती है, क्योंकि ये दिन व्रत के लिए बहुत ही श्रेष्ठ माना गया है। इसके अलावा अगर किसी के विवाह में भी देरी हो रही है तो व्रत करने से उसका भी निपटारा होता है। इस व्रत को करने से दंपत्तियों का जीवन सुखमय और आनंदमय होता है और जीवन में आने वाली सभी प्रकार की बाधाएं स्वत: ही समाप्त हो जाती हैं।