'एमेजॉन' के खिलाफ लगातार विरोध हो रहा है। लोग सोशल मीडिया पर एमेजॉन के ऐप को डिलीट करने की मांग कर रहे है। ट्विटर पर सुबह से मनोज बाजपेयी की वेब सीरीज 'द फैमिली मैन 2' को लेकर #BoycottAmazon ट्रेंड कर रहा है और अब बिकिनी सेल को लेकर कंपनी को आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल, एमेजॉन कर्नाटक राज्य के झंडे प्रिंट की बिकिनी अपने साइट पर बेच रहा है। राज्य का ध्वज होने के चलते इसको लेकर खूब बवाल हो रहा है।
आपको बता दें कि हाल ही में भारत सरकार ने नए आईटी नियमों को लागू किया है। इन नियमों को लागू करने के पीछे का मकसद भड़काऊ और विवादित पोस्ट को सोशल मीडिया से हटाना है। नए आईटी नियम को लेकर सरकार ने ट्विटर को चेतावनी से भरा नोटिस जारी किया और वहीं व्हाट्सएप से कोर्ट में लड़ रहा है। नियमों को लेकर फेसबुक से भी तनातनी जारी है और अब एमेजॉन भी इस तरह की हरकत करके सरकार के नए नियमों की धज्जियां उड़ा रहा है। यही नहीं, भारतीय भावनाओं के साथ खिलवाड़ भी कर रहा है।
Multinational companies should stop such repeated insult of #Kannada This is a matter of Kannadigas' self pride and we will not tolerate the rise in such incidents.@amazonca should, therefore, apologise to Kannadigas. Legal action will be taken immediately against @amazonca 2/2
— Aravind Limbavali (@ArvindLBJP) June 5, 2021
इस मामले को लेकर कर्नाटक सरकार के मंत्री अरविंद लिंबावली ने कहा है कि एमेजॉन कन्नड़ ध्वज वाली बिकिनी अपनी बिक्री को बढ़ावा देने के लिए पेश कर रहा है। इससे राज्य के लोगों की भावना आहत हुई है, इसलिए एमेजॉन के मालिक को कन्नड़ लोगों से माफी मांगना चाहिए। अगर माफ़ी नहीं मांगी जाती तो राज्य सरकार उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकती है। ये कन्नड़ लोगों के आत्मसम्मान का मसला है और सरकार इस तरह का खिलवाड़ बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगी।
एमेजॉन की वेबसाइट पर बिक रही इस बिकनी में कन्नड़ फ्लैग के साथराज्य का प्रतीक चिन्ह भी छपा हुआ है। दुनिया भर में रहने वाले कन्नड भाषी लोगों ने इस पर अपनी आपत्ति दर्ज कराई। विवाद बढ़ता देख एमेजॉन ने इस प्रोडक्ट को अपनी वेबसाइट से तुरंत हटा दिया है। लेकिन सोशल मीडिया यूजर्स ने इसके स्क्रीन शॉट्स इतने शेयर किए कि जल्दी ही इस मामले ने तूल पकड़ लिया। लोगों द्वारा मांग की जा रही है कि मल्टीनेशनल कंपनियों को इस तरह कन्नड का बार-बार अपमान बंद करना चाहिए।