दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में मोनोक्लोनल एंटीबॉडी थेरेपी से मरीज 8 से 12 घण्टे में ठीक हुए हैं। इसके शुरुआती नतीजे बेहद आशाजनक हैं।
कोरोना की नई-नई वैक्सीन आ रही हैं। डीआरडीओ ने भी 2 डीजी बनाई है। इन सबके बीच एक नई थैरेपी का एक्सपेरीमेंट किया जा रहा है। ये एक्सपेरीमेंट दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में चल रहा है। इस थैरेपी को मरीजों पर इस्तेमाल करने वाले डॉक्टरों का कहना है कि अभी तक इसके जो परिणाम मिले हैं वो बहुत सकारात्मक हैं। दावा किया जा रहा है कि इस थैरेपी के इस्तेमाल से मरीज 8 से 12 घण्टे में ही कोविड नेगेटिव हो गए। इस थैरेपी का नाम मोनोक्लोनल एंटीबॉडी थेरेपी है।
गंगाराम अस्पताल के डॉक्टरों ने कोरोना के मरीजों को मोनोक्लोनल एंटीबॉडी थेरेपी दी। डॉक्टरों के मुताबिक मोनोक्लोनल एंटीबॉडी थेरेपी (Monoclonal antibody therapy for covid 19) से 12 घंटे के भीतर Covid-19के दो मरीजों के स्वास्थ्य में काफी सुधार हुआ। गंगाराम अस्पताल से मिली जानकारी के मुताबिक एक स्वास्थ्यकर्मी को तेज बुखार, खांसी, मांसपेशी दर्द, बेहद कमजोरी और White Blood Cells की कमी से पीड़ित था। उसे मंगलवार को बीमारी के छठे दिन मोनोक्लोनल एंटीबॉडी कॉकटेल दिया गया। इस मामले में 5दिन तक मरीज को तेज बुखार रहा और White Blood Cells स्तर 2,600तक गिर गया था। इसके बाद उसे मोनोक्लोनल एंडीबॉडी थेरेपी दी गई, जिसके 8घंटे बाद उनके स्वास्थ्य में सुधार हुआ। मरीज को अस्पताल से छुट्टी मिल गई।
मोनोक्लोनल एंटीबॉडी, एंटीबॉडी की एक 'कॉपी' है, जो एक विशिष्ट एंटीजन को टारगेट करती है। इस इलाज का इस्तेमाल पहले इबोला और एचआईवी में किया जा चुका है। वहीं, दूसरा मामला 80वर्षीय मरीज आर के राजदान का है। वह Diabetes और हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित थे और वह तेज बुखार और खांसी के शिकार थे। अस्पताल ने एक बयान में बताया, ‘सीटी स्कैन में हल्की बीमारी की पुष्टि हुई। उन्हें पांचवें दिन REGN-COV2दिया गया। मरीज के स्वास्थ्य में 12घंटे के भीतर सुधार हुआ।’
डॉक्टर खोसला ने कहा कि अगर उचित समय पर मोनोक्लोनल एंटीबॉडी थेरेपी से स्टेरॉयड या इम्यूनोमॉड्यूलेशन के इस्तेमाल को कम किया जा सकता है और इससे बचा जा सकता है। इससे म्यूकरमाइकोसिस या कई तरह के अन्य संक्रमणों का खतरा कम हो जाता है। वहीं डॉक्टरों ने बताया कि हार्ट संबंधी बीमारियों से ग्रस्त दो Covid-19के मरीजों पर मोनोक्लोनल एंटीबॉडी थेरेपी का इस्तेमाल किया गया, जिसके एक सप्ताह बाद उनकी रिपोर्ट ‘निगेटिव’ आई।