इस साल का पहला सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse 2021) 10जून को यानी आज लगने जा रहा है। यह वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा। सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है। जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक सीधी रेखा में आ जाते हैं तब यह घटना घटित होती है। ज्योतिष में इतने कम समय के अंतराल पर पड़ने वाले ग्रहण को अशुभ माना जाता है। इस साल कुल मिलाकर 4ग्रहण लग रहे हैं। दो सूर्य ग्रहण और 2चंद्र ग्रहण। पहला चंद्र ग्रहण 26मई को लग चुका है जबकि दूसरा चंद्र ग्रहण 19नवंबर को लगेगा। वहीं 10जून के बाद दूसरा सूर्य ग्रहण 4दिसंबर को लगेगा।
इस सूर्य ग्रहण को भारत के केवल कुछ हिस्सों में देखा जा सकेगा। इन हिस्सों में यह सूर्य ग्रहण सूर्यास्त से पहले देखा जा सकेगा। एमपी बिरला तारामंडल के निदेशक देबीप्रसाद दुरई के अनुसार, साल का पहला सूर्यग्रहण अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख में देखा जा सकेगा। अरुणाचल प्रदेश में दिबांग वन्यजीव अभयारण्य के पास से शाम करीब 5बजकर 52मिनट पर देखा जा सकेगा। वहीं लद्दाख के उत्तरी हिस्से में सूर्य ग्रहण शाम 06बजे देखा जा सकेगा। यहां सूर्यास्त शाम को करीब 06बजकर 15मिनट पर होगा।
10जून को लगने वाला ये सूर्य ग्रहण उत्तरी अमेरिका, यूरोप, एशिया में आंशिक रूप में दिखाई देगा। जबकि ग्रीनलैंड, उत्तरी कनाडा और रूस में पूर्ण सूर्य ग्रहण देखने को मिलेगा। NASA के मैप के मुताबिक, ये सूर्य ग्रहण भारत में सिर्फ लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में दिखाई देगा। ये सूर्य ग्रहण लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में दिखाई देगा। इसलिए सूतक के नियम सिर्फ इन्हीं जगहों पर माने जाएंगे। बाकी भारत के सारे हिस्सों में ना तो सूतक काल माना जाएगा और ना ही इस दौरान किसी तरह के कार्यों पर पाबंदी होगी।
सूर्य ग्रहण क्या है?
जब चंद्रमा, पृथ्वी से काफी दूर होते हुए पृथ्वी और सूर्य के बीच में आ जाता है और सूर्य के मध्य का पूरा भाग चंद्रमा की छाया से ढक जाता है तब सूर्य ग्रहण लगता है। इस दौरान सूर्य का बाहरी भाग प्रकाशित रहता है। इस स्थिति में चंद्रमा सू्र्य के लगभग 97% भाग को ढक लेता है। जिसके कारण धरती से सूर्य देखने में आग की अंगूठी (रिंग ऑफ फायर) की तरह चमकता दिखाई देता है। इस घटना को वलयाकार सूर्य ग्रहण कहते हैं।