'बीआरआई के बहाने चीन के कर्ज के जाल से दुनिया के गरीब देशों को बचाने के लिए G7 देश B3W प्रोजेक्ट ला रहे हैं। इस प्रोजेक्ट की लागत क्या होगी अभी पता नहीं चला है लेकिन ये प्रोजेक्ट इतना बड़ा होगा की बीआरआई बोना साबित हो जाएगा। इससे चीन की अतिमहत्वाकांक्षा और दुनिया को अपना गुलाम बनाने की साजिश पर भी रोक लगेगी।'
गरीब देशों के लिए भस्मासुर बने चीन को रोकने के लिए G7आगे आया है। G7 देशों ने एक बड़े इन्फ्रा प्लान के जरिए चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिटिव का विकल्प तैयार किया है। वैश्विक इन्फ्रास्ट्रक्चर के जरिए न सिर्फ विकासशील देशों की मदद होगी, बल्कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का दुनिया को अपनी मुट्ठी में करने का ड्रीम प्रॉजेक्ट को रोका जा सकेगा। ध्यान रहे चीन BRI के जरिए अब तक कई देशों की जमीनों पर कब्जा कर चुका है।
G7 के नेताओं की दक्षिणपश्चिम इंग्लैंड में बैठकें चल रही हैं और ये बीजिंग के साथ रणनीतिक प्रतिस्पर्धा पर भी चर्चा कर रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और G7 के अन्य नेता बिल्ड बैक बेटर वर्ल्ड (B3W) पहल के जरिए चीन की BRI प्रॉजेक्ट की काट निकालना चाहते हैं। वॉइट हाउस की ओर से कहा गया है कि इस पारदर्शी इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रॉजेक्ट पर करीब 40 ट्रिलियन डॉलर की लागत आएगी।
बाइडेन प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ''यह केवल चीन का मुकाबला या उसे रोकने के लिए नहीं है, बल्कि अभी तक हमने ऐसे सकारात्मक विकल्प नहीं दिए हैं, जो हमारे मूल्यों और कारोबार करने के मानकों को प्रदर्शित करे।'' वॉइट हाउस की ओर से कहा गया है कि G7 और इसके सहयोगी इस पहल का इस्तेमाल पर्यावरण, स्वास्थ्य, डिजिटिल टेक्नॉलजी और लैंगिक समानता जैसे क्षेत्रों में निजी निवेश आकर्षित करेंगे।
यह अभी स्पष्ट नहीं है कि यह प्लान वास्तव में किस तरह काम करेगा और इसके लिए कितनी रकम का आवंटन होगा।चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 2013 में BRI को लॉन्च किया था। विकास और निवेश पहलों को शामिल करते हुए एशिया से यूरोप तक नेटवर्क बनाने का प्लान है।