Hindi News

indianarrative

गलवान ने दिया चीन को गहरा जख्म, 43 फीसदी भारतीयों ने नहीं खरीदा कोई चाईनीज सामान

43 फीसदी भारतीयों ने नहीं खरीदा कोई चाईनीज सामान

लद्दाख की गलवान घाटी में भारत-चीन के सैनिकों के बीच हुई खूनी झड़प को एक साल पूरा हो गया है। इस झड़प में चीनी सैनिकों भारतीय सेना के जांबाजों ने मुंहतोड़ जवाब दिया था। इस झड़प के बाद देश में लोगों ने आर्थिक रूप से ड्रैगन को सबक सिखाने के लिए चीनी सामानों का बहिष्कार करना शुरू कर दिया जिसका असर अब दिखाई दे रहा है। एक सर्वे के मुताबिक ऐसे 43 पर्सेंट भारतीय हैं, जिन्होंने पिछले 12 महीनों में चीन में बना कोई भी उत्पादन नहीं खरीदा है।

लोकल सर्कल्स के सर्वे के मुताबिक, 43 फीसदी ने कहा कि उन्होंने बीते एक साल में चीन में बना कोई सामान नहीं खरीदा। और जिन लोगों ने सामान खरीदा भी, उनमें 70 फीसदी का कहना था कि उन्होंने प्रॉडक्ट के मुकाबले उसकी कीमत को देखते हुए यानी किफायत की वजह से सामान खरीदा।

लद्दाख की गलवान घाटी में चीन भारत की सीमा में घुस आया था जिसके चलते एक साल पहले भारत-चीन के सैनिकों के बीच हुई खूनी झड़प हो गई थी। इस झड़प में भारत के कई जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद दोनों देशों के रिश्तों में तनातनी बढ़ गई थी, जवाब में भारत सरकार ने टिकटॉक समेत चीन के कई लोकप्रिय ऐप्स पर पाबंदी लगा दी थी। यही नहीं, देश में चीन में बने सामान के बहिष्कार की मांग ने भी जोर पकड़ा। जिसके बाद 40 फीसदी लोगों ने खासियत और 38 फीसदी ने बेहतर क्लाविटी की वजह से सामान खरीदा। हालांकि, चीन के सामान खरीदने वाले 60 फीसदी ने सिर्फ 1-2 आइटम ही खरीदे। सिर्फ 1 फीसदी लोग ऐसे थे जिन्होंने पिछले एक साल में 20 से ज्यादा चीनी आइटम खरीदे। इसी तरह 15 से 20 चाइनीज आइटम खरीदने वालों की संख्या भी इतनी ही थी।

मौजूदा सर्वे में देश के 281 जिलों के 18,000 लोगों को शामिल किया गया था। इस सर्वे में शामिल ज्यादातर लोगों ने चीनी सामान की खरीद के पीछ कम दाम और पैसे की बचत को वजह बताया। कुछ लोग ऐसे भी थे, जिन्होंने चीन में बने उत्पादों की क्वॉलिटी  को भी खरीदने की वजह बताया। बीते एक साल में चीन का सामान खरीदने वाले लोगों में से 70 फीसदी ने बताया कि उन्होंने इसलिए इसे लिया क्योंकि पैसे की बचत हो रही थी। चीन का सामान खरीदने वाले सर्वे में शामिल लोगों में से 14 फीसदी ने बताया कि बीते एक साल में उन्होंने 3 से 5 चीजें खरीदीं। इसके अलावा 7 पर्सेंट लोग ऐसे रहे हैं, जिनका कहना था कि उन्होंने 5-10 आइटम ऐसे खरीदे, जो चीन में बने थे।