भगवान शनि देव की कृपा दृष्टि की मनोकामना हर कोई करता है। हर मनुष्य चाहता है कि कभी भी शनि देव उससे नाराज न हों, और अगर नाराज हैं भी तो वह अपनी नाराजगी दूर कर उस पर अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखे। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित होता है, इस दिन विधि-विधान से शनिदेव की पूजा-अर्चना करने से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। शनिदेव को ज्योतिष में पापी और क्रूर ग्रह कहा जाता है।
शनिवार के दिन शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए मंत्र जाप करना चाहिए। आप रोजाना भी मंत्र जाप कर सकते हैं। हिंदू धर्म में मंत्र जाप को महत्वपूर्ण माना जाता है। जहां शनि के अशुभ होने पर व्यक्ति को परेशानी का सामना करना पड़ता है, वहीं शनि के शुभ होने पर व्यक्ति का जीवन राजा के समान हो जाता है। देखिए अपनी राशिनुसार शनिदेव के मंत्र…
मेष- ॐ शान्ताय नम:
वृषभ- ॐ वरेण्णाय नम:
मिथुन- ॐ मन्दाय नम:
कर्क- ॐ सुन्दराय नम:
सिहं- ॐ सूर्यपुत्राय नम:
कन्या- ॐ महनीयगुणात्मने नम:
तुला– ॐ छायापुत्राय नम:
वृश्चिक- ॐ नीलवर्णाय नम:
धनु– ॐ घनसारविलेपाय नम:
मकर- ॐ शर्वाय नम:
कुंभ- ॐ महेशाय नम:
मीन- ॐ सुन्दराय नम:
ध्रमिक मान्यताओं के अनुसार इन मंत्रों का नियमित रूप से जाप करने से शनि के अशुभ प्रवाओं से बचा जा सकता है। शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से पाड़िता जातकों के लिए ये मंत्र काफी फायदेमंद साबित हो सकते हैं। शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से पीड़ित जातकों को रोजाना एक से अधिक माला का जाप करने चाहिए। इस समय कुंभ, मकर और धनु राशि पर शनि की साढ़ेसाती और मिथुन, तुला राशि पर शनि की ढैय्या चल रही है।