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Pak PM इमरान खान के बिगड़े बोल, भड़काऊ कपड़े पहनने से होते हैं औरतों के रेप!

इमरान खान ने पाकिस्तान में रेप के लिए महिलाओं के कपड़ों को बताया जिम्मेदार

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान एक बार फिर से अपने अजीब-गरीब बयान को लेकर विवादों में फंस गए हैं। पाकिस्तान में रेप के बढ़ते मामलों को लेकर इमरान खान ने अपनी घटिया सोच का परिचय देते हुए एक घिनौना बयान दिया है। इतने बड़े ओहदे पर बैठे इमरान खान पाकिस्तान में बढ़ रहे यौन उत्पीड़न के मामलों पर कोई ठोस फैसला लेने बजाय वह इसके लिए महिलाओं के कपड़ो को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।

इमरान खान ने रेप के लिए महिलाओं को छोटे कपड़ों को ठहराया जिम्मेदार

इमरान खान ने 'एक्सियोस ऑन एचबीओ' दो दिए एक इंटरव्यू में कहा, अगर महिला बहुत कम कपड़े पहनती है, तो इसका पुरुषों पर असर होगा, हां अगर वे रोबोट हैं तो ऐसा नहीं होगा। यह कॉमन सेंस की बात है। इमरान खान की इस घटिया टिप्पणी के बाद दुनियाभर के लोग आलोचना कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर आक्रोश फैल गया है। विपक्षी नेता और पत्रकार जमकर उनकी आलोचना कर रहे हैं। इंटरनेशनल कमिशन ऑफ ज्यूरिस्ट्स की साउथ एशिया की कानूनी सलाहकार रीमा ओमर ने ट्वीट किया, प्रधानमंत्री इमरान खान का पाकिस्तान में यौन हिंसा के कारणों पर आया बयान बेहद निराशाजनक है जिसमें एकबार फिर उन्होंने पीड़ित को ही दोषी ठहराया है। यह साफ रूप से घटिया है।

इमरान खान पहले भी दे चुके हैं इस तरह का बयान

यह कोई पहली बार नहीं है जब इमरान खान ने इस तरह का बयान दिया हो इसके पहले भी पाकिस्तान में हो रही यौन हिंसा के मामलों में वृद्धि के पीछ उन्होंने अश्लीलता को जिम्मेदार ठहराया था। लाइव टेलीविजन पर एक इंटरव्यू में, पीएम इमरान खान ने कहा था, पर्दे की यह पूरी अवधारणा प्रलोभन से बचने के लिए है। हर किसी के पास इससे बचने की इच्छाशक्ति नहीं है। इसके बादल उनके इस बयान पर काफू थू-थू हुई थी यहां तक कि लोगों ने उनसे मांफी मांगने की भी मांग की थी।

बताते चलें कि, पाकिस्तान द्वारा जारी आधिकारिक आंकड़ों की माने तो देश में हर 24 घंटे में बलात्कार के कम से कम 11 मामले सामने आते हैं। पिछले छह वर्षों में पुलिस में ऐसे 22,000 मामले दर्ज किए गए हैं। हालांकि, पाकिस्तान में बलात्कार के दोषियों की सजा की दर बेहद कम 0.3 प्रतिशत है। पिछले साल दिसंबर में, पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने महिलाओं और बच्चों के यौन शोषण के मामलों की सुनवाई के लिए विशेष अदालतें स्थापित करने के लिए बलात्कार विरोधी अध्यादेश 2020 को मंजूरी दी थी। कानून ऐसे मामलों में कानूनी कार्यवाही को चार महीने के भीतर पूरा करने का आदेश देता है।