धर्म को जहर कहने वाले कम्युनिस्ट धीरे-धीरे सनातन धार्मिक परंपरा-प्रतिष्ठानों को मान्यता देने लगे हैं। ये बात अलग है कि भरत के कुछ प्रतिपक्षी दल तो छद्म सैक्युलरिज्म को बढ़ावा देने के लिए अयोध्या और भगवान राम के अस्तित्व को ही मानने से इंकार करते थे लेकिन नेपाल की वामपंथी सरकार पीएम केपी शर्मा ओली ने अयोध्या, भगवान राम और योग को पूरी तरह आत्मसात कर लिया है। इतना ही नहीं पीएम ओली कहते हैं कि असली अयोध्या तो नेपाल में है और योग की शुरुआत भारत से ही नहीं नेपाल से हुई थी, उस समय भारत था ही नहीं।
शायद, केपी ओली उस समय की बात कर रहे हैं जब एक देश आर्यावृत होता था और नेपाल कौशल प्रदेश का हिस्सा था। अच्छा है, पीएम केपी शर्मा को इतिहासकार हिंदू-सनातन धर्म पर कुछ तो रिसर्च कर ही रहे हैं। बस, वो चीन के कम्युनिस्ट शासक शी जिनपिंग के इतिहासकारों के नोट्स पर अपनी रिसर्च न करें। शी जिनपिंग तो भगवान बुद्ध को भी चीनी बनाने पर तुले हुए हैं।
ओली ने अपने आवास पर अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के कार्यक्रम में कहा योग का जन्म नेपाल में हुआ है। इससे पहले ओली ने भारत की अयोध्या को नकली बताते हुए असली बीरगंज के पास होने का दावा किया था। ओली ने कहा है कि योग नेपाल में शुरू हुआ, भारत में नहीं है। जब योग शुरू हुआ तब भारत का अस्तित्व नहीं था। यह कई टुकड़ों में बंटा हुआ था। ओली ने यह भी दावा किया कि भारतीय एक्सपर्ट इस बारे में तथ्यों को छिपा रहे हैं। वहीं, ओली पर अपने देश में इस बात के आरोप लगते रहे हैं कि वह भारत के साथ विवाद छेड़कर अपनी सरकार की विफलता को छिपाने की कोशिश करते हैं।
इससे पहले जुलाई 2020में ओली ने दावा किया था कि भारत की अयोध्या नकली है और नेपाल के बीरगंज के पास असली अयोध्या है। बिना किसी ऐतिहासिक प्रमाण के ओली ने दावा किया था कि हमने भारत में स्थित अयोध्या के राजकुमार को सीता नहीं दी बल्कि नेपाल के अयोध्या के राजकुमार को दी थी। अयोध्या एक गांव हैं जो बीरगंज के थोड़ा पश्चिम में स्थित है। भारत में बनाई गई अयोध्या वास्तविक नहीं है।