कोरोना महामारी के कारण लोगों को आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। आपकी इस समस्या को दूर करने के लिए लोग कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) से राशि निकाल रहे हैं। पिछले साल सरकार ने कोरोना के लिए विशेष स्थिति में जमा राशि का 75 फीसदी तक निकालने की छूट दी थी। कोरोना संकट फिर से गहराने से पीएफ से एक बार फिर से निकासी तेजी से बढ़ी है। ऐसे में अगर आप भी ईपीएफ से राशि निकालने की योजना बना रहे हैं तो आईए जानते हैं कितने साल बाद पैसा निकालने पर टैक्स नहीं लगता है।
भविष्य निधि (प्रोविडेंट फंड) किसी भी कर्मचारी की भविष्य की जमा पूंजी होती है, जो हर महीने जमा होते-होते एक बड़ी रकम बन जाती है। कोई कर्मचारी जिसने कई नियोक्ता कंपनियों में काम किया है, ऐसे में भविष्य निधि (PF) की शेष राशि सबसे हाल के नियोक्ता के पीएफ खाते में स्थानांतरित की जाती है। ऐसे में सभी नियोक्ताओं के साथ रोजगार की संचयी अवधि (cumulative period of employment) को मूल्यांकन के उद्देश्य से देखा जाना चाहिए कि क्या पांच साल या उससे अधिक की अवधि के लिए कर्मचारी ने निरंतर काम किया है।
उदाहरण के तौर पर बात करें तो, जैसे की आपने अगर किसी नियोक्ता कंपनी के पास लगातार 8 साल काम किया है तो आप पहले से ही पांच साल से अधिक की लगातार अपनी सेवा दे चुके हैं। इसके अलावा, यह मानते हुए कि आप अपने प्रारंभिक नियोक्ता के अपने पीएफ फंड को वर्तमान नियोक्ता को ट्रांसफर करेंगे, ऐसी सूरत में आपके वर्तमान नियोक्ता के लिए भी निरंतर अवधि का मूल्यांकन करने के उद्देश्य से रोजगार की निरंतर अवधि पांच वर्ष से अधिक होगी, भले ही आपकी वर्तमान रोजगार की अवधि चाहे कुछ भी क्यों ना हो। इसलिए जब आप अपने वर्तमान नियोक्ता (प्रारंभिक नियोक्ता के साथ आपके पीएफ खाते से ट्रांसफर पैसे सहित) से पीएफ फंड के पैसे निकालते हैं, तो उसे कर मुक्त माना जा सकता है।
इसपर नहीं लगता है टैक्स
आयकर नियमों के मुताबिक यदि पांच साल से पहले ईपीएफ से 50 हजार रुपये से ज्यादा निकासी करते हैं तो 10 फीसदी का टैक्स लगता है। इसके अलावा पांच साल की अवधि पूरी न होने पर 10 फीसदी टीडीएस और टैक्स कटता है। हालांकिस आयकर नियमों के तहत अगर कर्मचारी को बीमारी के कारण या कंपनी का कारोबार बंद होने के कारण पांच साल से पहले नौकरी छोड़नी पड़े तब भी अगर कर्मचारी पांच साल से पहले पीएफ निकालता है, तो इस स्थिति में टैक्स नहीं लगता है। इसके अलावा बीमारी के लिए निकासी की सीमा भी तय नहीं है यानी वह कई बार इसके लिए राशि निकाल सकता है।