देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने कोरोना महामारी के बीच आसान शर्तों पर कर्ज देने को लेकर नई योजना 'आरोग्यम हेल्थकेयर बिजनेस लोन' शुरु किया है। इसके तहत अस्पताल, नर्सिंग होम, डायग्नोस्टिक सेंटर, पैथोलॉजी लैब, विनिर्माता, आपूर्तिकर्ता, आयातक, आवश्यक स्वास्थ्य आपूर्ति में लगी लॉजिस्टिक कंपनियां आदि स्वास्थ्य सेवा से जुड़े कई क्षेत्रों को 100 करोड़ रुपये तक का कर्ज आसान शर्तों पर मिल सकेगा। इसको लेकर बैंक ने कहा है कि दो करोड़ रुपये तक के कर्ज के लिए इकाइयों को किसी प्रकार की गारंटी देने की आवश्यकता नहीं होगी।
दरअसल, ये लोन क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट फॉर माइक्रो एंड स्मॉल एंटरप्राइजेज (सीजीटीएमएसई) गारंटी योजना के तहत आएगा। एसबीआई के चेयरमैन दिनेश खारा ने कहा कि हमारी स्वास्थ्य प्रणाली पिछले एक साल से देश को महामारी के बीच निर्बाध और अभूतपूर्व सहायता प्रदान कर रही है। कोविड-19 के मद्देनजर उनके योगदान को देखते हुए, हमें उनके लिए आरोग्यम हेल्थकेयर बिजनेस लोन लॉन्च करते हुए खुशी हो रही है। उन्होंने कहा कि हमें विश्वास है कि यह विशेष ऋण उत्पाद मौजूदा सुविधाओं के विस्तार व आधुनिकीकरण और नई सुविधाओं के निर्माण को सक्षम बनाने के लिए आवश्यक वित्तीय सहायता प्रदान करेगा।
आरबीआई ने उपलब्ध कराए 50 हजार करोड़ रुपये- रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कोविड महामारी की दूसरी लहर के बीच अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों के लिये राहत उपायों की घोषणा करते हुए पिछले महीने की शुरूआत में कहा था कि 50 हजार करोड़ रुपये का नकदी समर्थन बैंकों को उपलब्ध कराया जाएगा ताकि वे प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीन विनिर्माताओं, टीके के आयातकों/आपूर्तिकर्ताओं और चिकित्सा उपकरणों के आपूर्तिकर्ताओं, अस्पताल समेत अन्य को आसान शर्तों पर नया कर्ज दे सके।