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Mutual Fund Investment: कहां और कैसे करें इंवेस्ट, इन बातों का रखें ध्यान- डबल मिलेगा रिटर्न

Mutual Fund

इन दिनों बड़ी तादाद में निवेशक म्यूचुअल फंड में इंवेस्ट कर रहे हैं, खास कर SIP के जरिए इसमें निवेश करने वालों की तादाद लगातार बढ़ रही है। खबरों की माने तो औसतम हर महीने 1 लाख SIP अकाउंट खोले जा रहे हैं, जबकि एक साल पहले सिर्फ दस हजार SIP अकाउंट जोड़े जा रहे थे। इसमें जोखिम कम रहता है, म्यूचूअल फंड में शेयर के अलावा डेट फंड, गोल्ड और कमोडिटी में भी पैसे लगाए जा सकते हैं। अगर आप भी इसमें निवेश करने की सोच रहे हैं तो, कुछ बातों को ध्यान में रखने की जरूरत है जिसके बाद आपको रिटर्न अच्छा मिलेगा….

ऐसे चुनें म्यूचुअल फंड

म्यूचुअल फंड में आप किस मकसद से निवेश करना चाहते हैं इस बात को ध्यान रखते हुए म्यूचुअल फंड का चुनाव करें। अगर आपको साल-दो साल के लिए निवेश करना है, तो उसके लिए अलग म्यूचुअल फंड होंगे। वहीं लंबे समय के निवेश के लिए दूसरे विकल्प मौजूद होते हैं। कम समय के निवेश के लिए डेट फंड या लिक्विड फंड बेहतर होते हैं। जबकि लंबी अवधि के निवेश के लिए इक्विटी म्यूचुअल फंड फायदेमंद होते हैं।

चेक करें पूराना रिकॉर्ड

म्यूचुअल फंड को चुनने से पहसे आप उसके पिछले रिकॉर्ड को जरूर चेक करें। इससे आपको पता चलेगा कि फंड ने पहले कितने प्रतिशत तक रिटर्न दिया है। हालांकि इसकी गारंटी नहीं होती कि फंड हर बार अच्छा परफॉर्म करें। ये फंड की कंपनी और उसके फंडामेंटल तथ्यों पर निर्भर करते हैं। म्युचुअल फंड चुनाव के लिए आप अलग-अलग रेटिंग एजेंसियों की ओर से इन फंड्स को दी गई रेटिंग की भी मदद ले सकते हैं.

एक्सपेंस रेश्यो होना चाहिए कम

निवेश से जुड़े खर्चों का ब्यौरा जुटा लें, इनमें एंट्री और एक्जिट लोड, एसेट मैनेजमेंट चार्ज, एक्सपेंस रेश्यो आदि शामिल है। आमतौर पर 1.5 फीसदी तक का एक्सपेंस रेश्यो किसी म्यूचुअल फंड के लिए सही माना जाता है, लेकिन इससे ज्यादा एक्सपेंस रेश्यो वाले फंड में निवेश से बचना चाहिए क्योंकि इसमें आपको फायदा कम होगा।

चेक करें रिटर्न और रिस्क हो बैलेंस

म्यूचुअल फंड में मिलने वाला रिटर्न मार्केट में उतार चढ़ाव पर निर्भर करता है। अगर आप इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहते हैं तो इस बात का जोखिम नहीं ले सकते कि आपके निवेश की वैल्यू में गिरावट आ जाए। इसलिए फंड ऐसे चुनें जिनमें रिटर्न और रिस्क में बैलेंस हो। इसके साथ ही कई और कंपनियों के द्वारा दिए जा रहे म्यूचुअल फंड के बारे में पता करे, इससे आपको यह अनुमान लग जाएगा कि किसी म्यूचुअल फंड लेना है और किसका नहीं।