सीबीआई की एक विशेष अदालत ने मई 2017 में लखनऊ के एक सरकारी गेस्ट हाउस के बाहर कर्नाटक कैडर के आईएएस अधिकारी अनुराग तिवारी की रहस्यमय मौत की नए सिरे से जांच करने के आदेश दिए हैं। अदालत ने इस संबंध में केंद्रीय एजेंसी द्वारा दायर क्लोजर रिपोर्ट को खारिज कर दिया।
अदालत ने गुरुवार को सीबीआई को अनुराग के भाई मयंक तिवारी द्वारा दायर विरोध आवेदन में उठाए गए बिंदुओं के मद्देनजर आगे की जांच करने का निर्देश दिया। अदालत ने 30 सितंबर को जांच की प्रगति रिपोर्ट तलब की है।
मयंक तिवारी के आवेदन पर विशेष ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट (सीबीआई) सुब्रत पाठक ने यह आदेश दिया। क्लोजर रिपोर्ट पर आपत्ति जताते हुए मयंक ने मामले में आगे की जांच की मांग की थी।
तिवारी कर्नाटक में नागरिक एवं आपूर्ति आयुक्त के रूप में तैनात थे और मई 2017 में मसूरी में लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में एक मिड-ट्रेनिंग करियर से लौटने के बाद लखनऊ आए थे।
वह 17 मई, 2017 को मीराबाई मार्ग स्थित राज्य अतिथि गृह के बाहर रहस्यमय परिस्थितियों में मृत पाया गया था।
बाद में, परिवार के आग्रह पर, राज्य सरकार ने मामले की जांच सीबीआई से सिफारिश की थी। एजेंसी ने 15 जून, 2017 को मामला संभाल लिया था।
सीबीआई ने 20 फरवरी, 2019 को अंतिम रिपोर्ट दायर की जिसमें कहा गया कि आईएएस अधिकारी की मौत एक्सिडेंटल थी।
सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को चुनौती देते हुए तिवारी के बड़े भाई मयंक ने सितंबर 2019 के पहले सप्ताह में याचिका दायर की थी।.