पेट्रोल-डीजल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। दाम लगातार बढने से मध्यम आय वर्गीय लोगों पर असर पड़ रहा है। इस के बावजूद एक्सपर्ट का कहना है कि सरकार के पास ईंधन (पेट्रोल-डीजल) पर प्रति लीटर 4.50 रुपये टैक्स घटाने की गुंजाइश है। इसके अलावा अगर राज्य सरकारें अपने हिस्से टैक्स खत्म कर दें तो दिल्ली में 40 फीसदी और बाकी राज्यों में 22 से 39 फीसदी तक तेल के दाम कम हो सकते हैं।
इसके बाद भी उसका रेवेन्यू पिछले साल के बराबर बना रहेगा। इसकी वजह यह है कि ईंधन की खपत में अनुमानित वृद्धि से इस कटौती की भरपाई हो जाएगी। मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस इक्रा (ICRA) ने शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट में यह बात कही है।
इक्रा (ICRA) की चीफ इकोनॉमिस्ट अदिती नायर ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इस कटौती से पेट्रोल (Petrol) और डीजल (Diesel) की रिटेल कीमतें घट जाएंगी। इससे कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) में भी 0.10 फीसदी की कमी आएगी। इससे परिवारों के बजट पर दबाव भी कम होगा। देश के कई शहरों में पेट्रोल की कीमत 100 रुपये प्रति लीटर से ज्यादा हो गई है। इससे आम लोगों खासकर कम आय वर्ग के लोगों को काफी दिक्कत हो रही है।
पिछले साल कोरोना (corona) की महामारी शुरू होने के बाद वैश्विक बाजार (international market) में कच्चे तेल की कीमतों में बड़ी गिरावट आई थी। तब सरकार ने मार्च और मई के दौरान पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी (Excise Duty) 13 रुपये और डीजल पर 16 रुपये बढ़ा दी थी। इससे पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 65 फीसदी तक बढ़ गई थी. यह 19.38 रुपये से बढ़कर 32.98 रुपये पर पहुंच गई थी। डीजल के मामले में यह 15.83 रुपये से बढ़कर 28.35 रुपये हो गई थी।
वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमत बढ़ने पर एक्साइज ड्यूटी के चलते घरेलू बाजार में इनकी कीमतें काफी ज्यादा बढ़ गईं। इससे देश के कई हिस्सों में पेट्रोल का भाव 100 रुपये प्रति लीटर और डीजल का भाव 90 रुपये प्रति लीटर से ज्यादा हो गया है।
दिल्ली में पेट्रोल की मौजूदा कीमत में एक्साइज ड्यूटी (excise duty) की हिस्सेदारी 39 फीसदी है, जबकि डीजल के मामले में इसकी हिस्सेदारी 32 फीसदी है। दिल्ली में वैल्यू एडेड टैक्स (VAT) करीब 22 फीसदी है। राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में यह इससे भी ज्यादा है।