यूपी की योगी सरकार (Yogi Government) नई जनसंख्या नीति (UP Population Policy) घोषित करने वाली है। इसमें जनसंख्या बढ़ोतरी नियंत्रित करने के लिए समुदाय आधारित अभियान और कार्यक्रम चलाए जाएंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद इस नीति को जनसंख्या दिवस पर 11 जुलाई को जारी करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ समुदाय में भी जनसंख्या को लेकर जागरूकता का अभाव है। ऐसे में समुदाय केंद्रित जागरूकता के प्रयास की जरूरत है। मुख्यमंत्री के सामने गुरुवार को लोकभवन में जनसंख्या नीति का मसौदा पेश किया गया।
11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नवीन जनसंख्या नीति 2021-30 जारी करेंगे। गुरुवार को लोकभवन में नवीन जनसंख्या नीति 2021-30 के संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आबादी विस्तार के लिए गरीबी और अशिक्षा बड़ा कारक है। इसी वजह से समुदाय में भी जनसंख्या को लेकर जागरूकता का अभाव है। ऐसे में समुदाय केंद्रित जागरूकता प्रयास की जरूरत है। प्रदेश की निवर्तमान जनसंख्या नीति 2000-16 की अवधि समाप्त हो चुकी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनसंख्या स्थिरीकरण के लिए जागरूकता और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ-साथ सभी जरूरी प्रयास किए जाएं। जागरूकता प्रयासों के क्रम में उन्होंने स्कूलों में हेल्थ क्लब बनाए जाने के निर्देश भी दिए। साथ ही डिजिटल हेल्थ मिशन की भावनाओं के अनुरूप नवजातों, किशोरों और वृद्धजनों की डिजिटल ट्रैकिंग की व्यवस्था करने को भी कहा है। उन्होंने कहा कि नई नीति तैयार करते हुए सभी समुदायों में जनसांख्यकीय संतुलन बनाये रखने का प्रयास होना चाहिए। अपर मुख्य सचिव चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, अमित मोहन प्रसाद ने मुख्यमंत्री को बताया कि प्रस्तावित जनसंख्या नीति प्रदेश में एनएफएचएस-04 सहित अनेक रिपोर्ट के अध्ययन के उपरांत तैयार की जा रही है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण- 5 की रिपोर्ट जल्द ही जारी होने वाली है। नवीन नीति जनसंख्या स्थिरीकरण के प्रयासों को तेज करने वाली होगी। इसमें 2026 और 2030 तक के लिए दो चरणों में अलग-अलग मानकों पर केंद्रित लक्ष्य निर्धारित किये गए हैं।
यूपी में आखिरी बार जनसंख्या नीति साल 2000 में आई थी, जो 2016 तक के लक्ष्यों के आधार पर तय की गई थी। अब नई जनसंख्या नीति लाई जा जा रही है, जो 2030 तक प्रभावी रहेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि नई नीति में सभी समुदायों में जनसांख्यकीय संतुलन बनाए रखने के पर केंद्रित प्रयासों पर जोर दिया जाए। जागरूकता और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ-साथ सभी जरूरी प्रयास किए जाएं। स्कूलों में 'हेल्थ क्लब' बनाए जाएं। साथ ही, डिजिटल हेल्थ मिशन के तहत योजनाओं से लाभान्वित होने वाले नवजातों, किशोरों और बुजर्गों की डिजिटल ट्रैकिंग की व्यवस्था भी करें। बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की सहज उपलब्धता, समुचित पोषण के जरिए मातृ-शिशु मृत्यु दर को न्यूनतम स्तर तक लाने का प्रयास होना चाहिए।
UP की अभी इतनी आबादी
अनुमान है कि अभी यूपी की आबादी तकरीबन 23 करोड़ है। 2011 की जनगणना के मुताबिक प्रदेश की कुल जनसंख्या 19 करोड़ 98 लाख 12 हजार 341 थी। जो कि भारत की कुल आबादी का 16.5 फीसदी थी। वहीं यूपी का प्रयागराज 59 लाख 54 हजार 391 की आबादी के साथ प्रदेश में पहले नंबर पर था।दूसरी ओर 8 लाख 75 हजार 958 की जनसंख्या के साथ महोबा प्रदेश का सबसे कम आबादी वाला जिला था।