देश में इस वक्त पेट्रोल-डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं। कई शहरों में अब तो 100 का आंकड़ा भी पार हो चुका है, ऐसे में आम जनता तेल की बढ़ती कीमतों से काफी परेशान है और इसके कम होने की उम्मीद कर रही है। अब सरकार ने इसके दाम को लेकर तो नहीं लेकिन एक ऐसा प्लान तैयार किया है जिसके तहत आने वाले दिनों में तेल के बजाय इथेनॉल पर गाड़ियां चलेंगी।
दरअसल, CII की तरफ से आयोजित आत्मनिर्भर भारत कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए इंडस्ट्री मिनिस्टर पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार ने 2023-24 तक इथेनॉल ब्लेंडिंग का टार्गेट 20 फीसदी रखा है, हालांकि लंबी अवधि में सरकार का लक्ष्य 100 फीसदी इथेनॉल पर गाड़ी चलाने का है। आने वाले दिनों में बैटरी टेक्नोलॉजी की मांग काफी बढ़ने वाली है। रिन्यूएबल सेक्टर में बहुत ज्यादा विकास होगा जिसके कारण बैटरी इंडस्ट्री भी विकास करेगी। उन्होंने कहा कि, हमारा मकसद रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की है। हम ऐसी टेक्नोलॉजी डेवलप करेंगे जिसकी मदद से पेट्रोल की जगह 100 फीसदी इथेनॉल से ही गाड़ियां चलेंगी। जिनके पास इलेक्ट्रिक कार है उनसे यह अपील है कि वे अपनी कार को सोलर एनर्जी या रिन्यूएबल एनर्जी की मदद से ही रिचार्ज करें। इसके लिए भविष्य में बड़े स्तर पर चार्जिंग स्टेशन का इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि, 2022 तक रिन्यूएबल एनर्जी का लक्ष्य 175 गीगावाट रखा गया है, जबकि 2030 तक रिन्यूएबल एनर्जी का लक्ष्य 450 गीगावाट है। पहले सरकार ने इथेनॉल ब्लेंडिंग का टार्गेट 2022 तक 10 पर्सेंट और 2030 तक 20 फीसदी रखा था। अब इसी लक्ष्य को पांच साल पहले शिफ्ट कर दिया गया है। इस समय देश में पेट्रोल में करीब 8.5 फीसदी इथेनॉल मिलाया जाता है। 2014 में यह महज 1-1.5 फीसदी के बीच था।